दिल्ली: भाकपा (माओवादी) को ड्रोन की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

दिल्ली: भाकपा (माओवादी) को ड्रोन की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

दिल्ली: भाकपा (माओवादी) को ड्रोन की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार
Modified Date: June 22, 2025 / 07:48 pm IST
Published Date: June 22, 2025 7:48 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने हिंसक एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)-माओवादी संगठन को ड्रोन की आपूर्ति करने के आरोप में रविवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने आरोपी के पश्चिमी दिल्ली स्थित घर की तलाशी के दौरान हार्ड ड्राइव, पेन ड्राइव व मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरण एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की है।

उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान विशाल सिंह के रूप में हुई है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा का रहने वाला है।

 ⁠

एनआईए की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, जांच में पता चला कि आरोपी भाकपा (माओवादी) का सदस्य है और उसने बिहार के छकरबंदा/पंचरुखिया वन क्षेत्र में प्रतिबंधित माओवादी संगठन के नेताओं को हिंसक राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक ड्रोन दिया था।

बयान के मुताबिक, आरोपी ने भाकपा (माओवादी) के अन्य कार्यकर्ताओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया और 2019 में बिहार के घने जंगल वाले इलाकों में प्रतिबंधित संगठन की केंद्रीय समिति के सदस्यों के साथ बैठकों में भी भाग लिया था।

बयान में बताया गया कि एनआईए ने इससे पहले अगस्त 2024 में इस मामले में एक अन्य आरोपी अजय सिंघल उर्फ ​​अमन को गिरफ्तार किया था, जो भाकपा (माओवादी) के हरियाणा और पंजाब राज्य आयोजन समिति (एसओसी) का प्रभारी है।

एनआईए ने बताया कि यह मामला उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वाले उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो (एनआरबी) में अपने कमजोर पड़ते प्रभाव को फिर से सक्रिय करने की माओवादी संगठन की साजिश से संबंधित है।

जांच एजेंसी के मुताबिक, “कई मुखौटा संगठनों और छात्र शाखाओं का इस्तेमाल साजिश को बढ़ावा देने के लिए आधार तैयार करने में किया गया। इसका उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना है। उन्हें संगठन के पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो (ईआरबी) से, विशेष रूप से झारखंड से धन मिल रहा था।”

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


लेखक के बारे में