Mani Shankar Aiyar on Gandhi Family: ‘गांधी परिवार ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया, 10 साल में एक बार भी नहीं मिला सोनिया-राहुल से’ मणिशंकर अय्यर ने किया सनसनीखेज खुलासा
Mani Shankar Aiyar on Gandhi Family: 'गांधी परिवार ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया, 10 साल में एक बार भी नहीं मिला सोनिया—राहुल से' मणिशंकर अय्यर ने किया सनसनीखेज खुलासा
Mani Shankar Aiyar on Gandhi Family / गांधी परिवार को लेकर मणिशंकर अय्यर का खुलासा / Image Source: Mani Shankar Aiyar X Account
नयी दिल्ली: Mani Shankar Aiyar on Gandhi Family कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी नयी पुस्तक में कहा है कि 2012 में जब राष्ट्रपति पद रिक्त हुआ था तब प्रणब मुखर्जी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-दो सरकार की बागडोर सौंपी जानी चाहिए थी और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए था। अय्यर (83) ने पुस्तक में लिखा है कि यदि उस समय ऐसा किया गया होता तो संप्रग सरकार ‘‘शासन के पंगु बनने’’ की स्थिति में नहीं पहुंचती।
Mani Shankar Aiyar on Gandhi Family उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में बनाए रखने और प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति भवन भेजने के निर्णय ने संप्रग के तीसरी बार सरकार गठित करने की संभावनाओं को ‘‘खत्म’’ कर दिया। अय्यर ने अपनी आगामी पुस्तक ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में ये विचार रखे हैं। इस पुस्तक को ‘जगरनॉट’ ने प्रकाशित किया है।
पुस्तक में अय्यर ने राजनीति में अपने शुरुआती दिनों, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के शासनकाल, संप्रग-एक में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल, राज्यसभा में अपने कार्यकाल और फिर अपनी स्थिति में ‘‘गिरावट…परिदृश्य से बाहर होने…पतन’’ का जिक्र किया है। अय्यर ने लिखा, ‘‘2012 में प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) को कई बार ‘कोरोनरी बाईपास सर्जरी’ करानी पड़ी। वह शारीरिक रूप से कभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाए। इससे उनके काम करने की गति धीमी हो गई और इसका असर शासन पर भी पड़ा। जब प्रधानमंत्री का स्वास्थ्य खराब हुआ, लगभग उसी समय कांग्रेस अध्यक्ष भी बीमार पड़ी थीं लेकिन पार्टी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की।’’
उन्होंने कहा कि जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि दोनों कार्यालयों – प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष – में गतिहीनता थी, शासन का अभाव था जबकि कई संकटों, विशेषकर अन्ना हजारे के ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन से या तो प्रभावी ढंग से निपटा नहीं गया या फिर उनसे निपटा ही नहीं गया। उन्होंने लिखा, ‘‘राष्ट्रपति का चयन: मनमोहन सिंह या प्रणब मुखर्जी। व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना था कि जब 2012 में राष्ट्रपति पद खाली हुआ था तो प्रणब मुखर्जी को सरकार की बागडोर सौंपी जानी चाहिए थी और डॉ. मनमोहन सिंह को भारत का राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए था।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि “10 साल तक मुझे सोनिया गांधी से मिलने का मौका नहीं मिला। मुझे राहुल गांधी के साथ खास समय बिताने का एक बार को छोड़कर कोई मौका नहीं दिया गया। मैंने प्रियंका के साथ एक या दो मौकों को छोड़कर कहीं भी समय नहीं बिताया है। वह मुझसे फोन पर बात करती हैं, इसलिए मैं उनके संपर्क में हूं। इसलिए, मेरे जीवन की विडंबना यह है कि मेरा राजनीतिक करियर गांधी परिवार द्वारा बनाया गया और गांधी परिवार द्वारा ही बिगाड़ा गया। और मैं इसे ऐसे ही मानता हूं… मुझे पार्टी से बाहर रहने की आदत हो गई है। मैं अभी भी पार्टी का सदस्य हूं। मैं कभी पार्टी नहीं बदलूंगा और निश्चित रूप से भाजपा में नहीं जाऊंगा।”
FAQ Section
1. मणिशंकर अय्यर ने अपनी नई पुस्तक में क्या कहा है?
मणिशंकर अय्यर ने अपनी पुस्तक ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में 2012 में राष्ट्रपति पद की रिक्तता के बारे में कहा है कि उस समय प्रणब मुखर्जी को सरकार की बागडोर सौंपी जानी चाहिए थी और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए था। उनका मानना है कि इससे संप्रग सरकार का शासन और अधिक प्रभावी होता।
2. मणिशंकर अय्यर का कहना है कि गांधी परिवार ने उनके राजनीतिक करियर को कैसे प्रभावित किया?
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि उनके राजनीतिक करियर की विडंबना यह है कि गांधी परिवार ने ही उनका करियर बनाया और बाद में उसे बिगाड़ा। उन्होंने बताया कि उन्हें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बहुत कम समय बिताने का अवसर मिला।
3. मणिशंकर अय्यर की आगामी पुस्तक का नाम क्या है?
मणिशंकर अय्यर की आगामी पुस्तक का नाम ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ है।
4. मणिशंकर अय्यर ने 2012 में राष्ट्रपति पद के बारे में क्या सुझाव दिया था?
मणिशंकर अय्यर का कहना है कि 2012 में जब राष्ट्रपति पद रिक्त हुआ था, तो प्रणब मुखर्जी को संप्रग सरकार की बागडोर सौंपनी चाहिए थी और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए था। इससे संप्रग सरकार का शासन बेहतर हो सकता था।
5. मणिशंकर अय्यर ने अपने राजनीतिक करियर के बारे में क्या लिखा है?
मणिशंकर अय्यर ने अपनी पुस्तक में अपने राजनीतिक जीवन के विभिन्न पहलुओं का जिक्र किया है, जिसमें उनके शुरूआती दिन, नरसिम्हा राव के शासनकाल में उनका योगदान, और संप्रग सरकार में उनके कार्यकाल की चर्चा शामिल है। उन्होंने अपने जीवन में गिरावट और पार्टी से बाहर होने के अनुभवों का भी उल्लेख किया है।
EXCLUSIVE | VIDEO: “For 10 years, I was not given an opportunity to meet Sonia Gandhi one-on-one. I was not given an opportunity, except once, of spending any meaningful time with Rahul Gandhi. And I have not spent time with Priyanka except on one occasion, no, two occasions. She… pic.twitter.com/A40wVsV0vd
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2024
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

Facebook



