मणिपुर बस विवाद: मेइती समूह का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से करेगा मुलाकात
मणिपुर बस विवाद: मेइती समूह का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से करेगा मुलाकात
इंफाल, 25 मई (भाषा) मेइती समूहों के संयुक्त मंच सीओसीओएमआई का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर राज्य परिवहन की बस पर से मणिपुर नाम हटाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा। सीओसीओएमआई के संयोजक खुरैजम अथौबा ने यह जानकारी दी।
सीओसीओएमआई (मणिपुर की अखंडता पर समन्वय समिति) के संयोजक अथौबा ने कहा कि बैठक के एजेंडे में ग्वालटाबी घटना पर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और मुख्य सचिव, डीजीपी तथा सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार और सीओसीओएमआई के बीच बातचीत जारी है। गृह मंत्रालय ने सीओसीओएमआई को एक विशेष बैठक के लिए आमंत्रित किया है। यह बैठक मंगलवार को होनी है। ’’
सीओसीओएमआई के संयोजक ने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य दीर्घकालिक संकट के संबंध में लंबित राजनीतिक और सुरक्षा प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाना है। हालांकि, हाल ही में ग्वालटाबी की घटना और उसके परिणामस्वरूप पैदा हुई सार्वजनिक अशांति के मद्देनजर अब एजेंडा का विस्तार हो गया है। ’’
अथौबा ने शीर्ष तीन अधिकारियों के इस्तीफे या स्थानांतरण की मांग को दोहराते हुए दावा किया कि उन्हें अक्षम और राज्य विरोधी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है।
मणिपुर की राजधानी इंफाल में राजभवन का घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच रविवार को झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी सरकारी बस से राज्य का नाम हटाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
सीओसीओएमआई (मणिपुर की अखंडता पर समन्वय समिति) द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के आह्वान पर प्रदर्शनकारी ख्वाइरामबंद में एकत्र हुए और सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने से पहले लगभग 500 मीटर तक रैली निकाली।
यह विरोध प्रदर्शन 20 मई को उखरुल जिले में शिरुई महोत्सव के लिए जा रही मणिपुर राज्य परिवहन की बस से ‘मणिपुर’ शब्द हटाने के कथित निर्देश के बाद हुआ है।
सुरक्षा बलों ने मंगलवार 20 मई को उखरुल जिले में ‘शिरुई लिली’ उत्सव की रिपोर्टिंग करने के लिए पत्रकारों को ले जा रही एक सरकारी बस को कथित तौर पर रोक दिया था, और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) के अधिकारियों को खिड़की पर लिखे राज्य के नाम को सफेद कागज से छिपाने के लिए मजबूर किया था।
मणिपुर सरकार ने इस घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है।
भाषा रवि कांत रवि कांत धीरज
धीरज

Facebook



