मणिपुर मुठभेड़ : एसआईटी से अधिकारी को मुक्त करने की मानवाधिकार आयोग की अर्जी पर 17 मार्च को सुनवाई करेगा न्यायालय

मणिपुर मुठभेड़ : एसआईटी से अधिकारी को मुक्त करने की मानवाधिकार आयोग की अर्जी पर 17 मार्च को सुनवाई करेगा न्यायालय

मणिपुर मुठभेड़ : एसआईटी से अधिकारी को मुक्त करने की मानवाधिकार आयोग की अर्जी पर 17 मार्च को सुनवाई करेगा  न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: March 10, 2021 7:40 am IST

नयी दिल्ली, दस मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की याचिका पर वह 17 मार्च को सुनवाई करेगा जिसमें मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच करने वाली एसआईटी में शामिल इसके वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महेश भारद्वाज को इससे मुक्त करने का अनुरोध किया गया है। भारद्वाज को उनके मूल कैडर में डीआईजी के तौर पर पदोन्नत कर दिया गया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा दाखिल आवेदन न्यायमूर्ति एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।

मामले में शीर्ष अदालत का न्याय मित्र के तौर पर सहयोग कर रही वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने पीठ से कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) से छुट्टी दिए जाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी अपने अधिकारियों को इससे मुक्त करने के लिये दो आवेदन दायर कर रखे हैं लेकिन इनमें से कोई भी आवेदन उन्हें नहीं मिला है।

 ⁠

गुरुस्वामी ने मानवाधिकार आयोग और सीबीआई की तरफ से दायर आवेदनों पर जवाब देने के लिए समय मांगा है।

पीठ ने केंद्र से कहा कि आवेदनों की प्रति न्याय मित्र के साथ ही मामले से जुड़े अन्य पक्षों को भी दी जाए और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 मार्च तय की।

मणिपुर में कथित तौर पर 1528 न्यायेत्तर हत्याओं की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने 14 जुलाई 2017 को एसआईटी का गठन किया था और इनमें से कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने के आदेश दिए थे।

भारद्वाज सहित एनएचआरसी के दो अधिकारियों को जुलाई 2018 में एसआईटी में शामिल किया गया था।

भाषा नीरज नीरज शाहिद अनूप

अनूप


लेखक के बारे में