मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा प्राकृतिक और जनजातीय परंपराओं के धरोहर राज्य हैं: कलराज मिश्र

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा प्राकृतिक और जनजातीय परंपराओं के धरोहर राज्य हैं: कलराज मिश्र

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा प्राकृतिक और जनजातीय परंपराओं के धरोहर राज्य हैं: कलराज मिश्र
Modified Date: January 21, 2024 / 05:34 pm IST
Published Date: January 21, 2024 5:34 pm IST

जयपुर, 21 जनवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के स्थापना दिवस पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के ये तीनों राज्य प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही जनजातीय भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण धरोहर हैं।

राजभवन में रविवार को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के स्थापना दिवस पर मिश्र ने इन राज्यों के निवासियों से अनौपचारिक संवाद भी किया।

उन्होंने मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा की पारंपरिक लोक संस्कृति और जनजातीय परंपराओं की चर्चा करते हुए इन राज्यों के विकास और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिए सबको मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।

 ⁠

राज्यपाल ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत 21 जनवरी 1972 को इन तीनों राज्यों का उदय हुआ।

उन्होंने कहा कि जल, जंगल और पहाड़ियों से घिरे इन प्रदेशों के लोग भारत की जनजातीय संस्कृति को अभी भी बचाए हुएं हैं। उन्होंने कहा ,‘‘ अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी हमें जागरूक रहना चाहिए।’’

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के निवासियों ने इस दौरान राजस्थान में रहने के अपने अनुभव साझा किए। त्रिपुरा के दल ने स्थानीय संस्कृति और गौरव से जुड़ा समूह गान प्रस्तुत किया।

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के निवासियों ने राजभवन स्थित संविधान उद्यान का भ्रमण कर उसे देश की अनुपम धरोहर बताया। इन राज्यों के निवासियों ने कहा कि राजस्थान के राजभवन में संविधान को कलात्मक रूप में प्रत्यक्ष अनुभव करना उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव है।

भाषा कुंज राजकुमार


लेखक के बारे में