मणिपुर पर तीन घंटे चर्चा कराई जाए, लोगों को अलग-थलग करना राष्ट्रवाद नहीं: अकोइजम

मणिपुर पर तीन घंटे चर्चा कराई जाए, लोगों को अलग-थलग करना राष्ट्रवाद नहीं: अकोइजम

मणिपुर पर तीन घंटे चर्चा कराई जाए, लोगों को अलग-थलग करना राष्ट्रवाद नहीं: अकोइजम
Modified Date: December 8, 2025 / 08:14 pm IST
Published Date: December 8, 2025 8:14 pm IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) कांग्रेस सांसद ए. विमल अकोइजम ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि मणिपुर के विषय पर कम से कम तीन घंटे चर्चा कराई जानी चाहिए।

उन्होंने सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि भाजपा लोगों को अलग करने पर विश्वास करती है तथा उसका राष्ट्रवाद धार्मिक एवं सांस्कृतिक कल्पना पर आधारित है।

‘इनर मणिपुर’ से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘इस चर्चा का क्या मकसद है। कई असल मुद्दे हैं जिन पर चर्चा की जरूरत है। बड़ी बेरोजगारी है, वायु की गुणवत्ता खराब है इंडिगो का संकट है…हम मणिपुर पर तीन-चार घंटे की चर्चा की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी को परवाह नहीं है। आप देशभक्ति की बात करते हैं।’’

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उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में, सरकार की विफलता के कारण पैदा हुए संकट के कारण 65 हजार लोग बेघर हो गए हैं।

अकोइजम ने दावा किया कि इस सरकार का राष्ट्रवाद धार्मिक और सांस्कृतिक कल्पना से जुड़ा है जो जर्मनी की पुरानी व्यवस्था से जुड़ा है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘पूर्वोत्तर को तथाकथित भारतीय इतिहास में शामिल नहीं किया गया। आप (भाजपा) लोगों को अलग-थलग करते हैं।’’

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मणिपुर पर कम से तीन घंटे का चर्चा कराइए, फिर हम जानेंगे कि वंदे मातरम् के क्या मायने हैं।’’

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘बिहार तो झांकी हैं, बंगाल अभी बाकी है।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘भगवादारी आ रहे हैं।’’

भाषा

हक

हक सुभाष

सुभाष


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