मराठों को 26 अगस्त तक कानूनी ढांचे के भीतर आरक्षण दिया जाए या आंदोलन का सामना करें: जरांगे

मराठों को 26 अगस्त तक कानूनी ढांचे के भीतर आरक्षण दिया जाए या आंदोलन का सामना करें: जरांगे

मराठों को 26 अगस्त तक कानूनी ढांचे के भीतर आरक्षण दिया जाए या आंदोलन का सामना करें: जरांगे
Modified Date: August 25, 2025 / 03:20 pm IST
Published Date: August 25, 2025 3:20 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 25 अगस्त (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि सरकार को मंगलवार तक समुदाय के लिए ‘‘कानूनी ढांचे के भीतर’’ कोटे की घोषणा करनी चाहिए और ऐसा न होने पर वह आंदोलन शुरू करने के लिए मुंबई जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यदि मंगलवार तक मांग पूरी हो जाती है तो उन्हें मुंबई में ‘‘अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल’’ करने में कोई रुचि नहीं है, हालांकि यह एक शांतिपूर्ण आंदोलन होगा।

जरांगे ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

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जरांगे ने समुदाय की इस मांग को जोर-शोर से उठाया है कि ऐतिहासिक रिकार्ड को लागू किया जाए, जिनमें बंबई, सतारा और हैदराबाद के राजपत्र शामिल हैं, जिनके बारे में उनका दावा है कि ये मराठों की कुनबी पहचान स्थापित करते हैं।

जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में संवाददाता सम्मेलन में जरांगे ने कहा, ‘‘हमें कानूनी ढांचे के अनुरूप आरक्षण दीजिए।’’ जरांगे यहीं से 27 अगस्त को आंदोलन के लिए निकलने वाले हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जानबूझकर ‘‘अड़ियल रुख’’ अपना रहे हैं।

सरकार ने हाल ही में 29 जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया है। जरांगे ने दावा किया कि यह मराठा समुदाय के लोगों को भड़काने जैसा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास आज और कल (सोमवार ओर मंगलवार) दो दिन हैं। हमें मुंबई जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है, हमें हमारा आरक्षण दे दो।’’

पिछले साल राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के लिए एक अलग श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी, लेकिन जरांगे ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण पर अड़े हुए हैं।

जरांगे ने कहा, ‘‘मराठा समुदाय के पास (कुनबियों का) रिकॉर्ड है और उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। 10 प्रतिशत आरक्षण कभी भी खत्म किया जा सकता है और हम ऐसा नहीं चाहते।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यदि ऐसा लगता है कि ओबीसी समुदाय उनका (भाजपा का) समर्थन करता है, तो ‘‘आरक्षण मिलने पर हम भी उनके साथ खड़े होंगे।’’

जरांगे ने कहा, ‘‘अगर आरक्षण नहीं दिया गया तो मैं सरकार गिरा सकता हूं। अंतरवाली सराटी से रवाना होने के बाद मैं किसी की नहीं सुनूंगा।’’

जरांगे ने यह भी दावा किया कि उन्होंने दो महीने पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार समेत राज्य के सभी 288 विधायकों को फोन किया था और उनसे ‘‘मराठा समुदाय की मांग’’ पर गौर करने को कहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारी मांगें 26 अगस्त तक पूरी हो जाती हैं, तो हम मुंबई नहीं आना चाहेंगे। हमने दो महीने पहले ही यह कह दिया था और अगर मुख्यमंत्री हमारी मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं, तो मुंबई के लोगों को पता लगाना चाहिए कि कौन अड़ियल है।’’

जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के सदस्य 27 अगस्त की शाम को अंतरवाली सराटी से रवाना होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘28 अगस्त को हम शिवनेरी किला जाएंगे और फिर राजगुरुनगर, चाकन, लोनावाला, पनवेल, वाशी और चेंबूर होते हुए आजाद मैदान पहुंचेंगे।’’

उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को सुबह 10 बजे आजाद मैदान में आंदोलन शुरू होगा।

जरांगे ने मराठा समुदाय के लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षकों, बस परिचालकों, किसानों, व्यापारियों समेत सभी को अपना काम बंद करके मुंबई जाने की तैयारी करनी चाहिए। फिर कभी ऐसा कोई आंदोलन नहीं होगा, इसलिए सभी को इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए।’’

जरांगे ने यह भी कहा कि मराठा समुदाय के चिकित्सकों को दवाओं और एम्बुलेंस के साथ आंदोलन में भाग लेने के लिए आना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (मराठा समुदाय के सदस्यों से) 5,000 पानी के टैंकर (आंदोलनकारियों के लिए) ले जाने को कहा है। जिन लोगों के पास अपने वाहन हैं, वे अपनी गाड़ियों से आएं। 29 अगस्त को जब हम अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे, मराठा समुदाय के लोग (जो मुंबई मार्च में शामिल होंगे) वापस जा सकते हैं। हम शांतिपूर्वक आंदोलन करेंगे।’’

भाषा सुभाष नरेश

नरेश


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