एसआईटी जांच पूरी होने के बाद मीडिया को गांव में घुसने की अनुमति, नेता और अधिकारी हाथरस रवाना

एसआईटी जांच पूरी होने के बाद मीडिया को गांव में घुसने की अनुमति, नेता और अधिकारी हाथरस रवाना

एसआईटी जांच पूरी होने के बाद मीडिया को गांव में घुसने की अनुमति, नेता और अधिकारी हाथरस रवाना
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: October 3, 2020 11:27 am IST

हाथरस/नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित दुष्कर्म और हमले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी)ने अपना काम पूरा कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद हाथरस स्थित पीड़िता के गांव के बाहर लगे अवरोधकों को हटा दिया गया है और मीडिया को जाने की अनुमति दे दी गई है।

ऐसा प्रतीत होता है कि सभी सड़के हाथरस को जाती है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अतरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी सहित वरिष्ठ अधिकारियों को परिवार से मिलने के लिए गांव भेज रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को नाटकीय तरीके से बृहस्पतिवर को हिरासत में ले लिया गया था, वे अब दूसरी बार पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जा रहे हैं।

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दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के साथ अवरोधक लगाए गए हैं।

एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘सीमा सील नहीं की गई है लेकिन दिल्ली-नोएडा सीमा पर जांच बढ़ा दी गई है।’’

कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से 180 किलोमीटर दूर हाथरस जाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, पार्टी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और 500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि गंभीर रूप से घायल दलित पीड़िता की मंगलवार तड़के दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई और बुधवार को रात के अंधेरे में ही उसके घर के पास ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लड़की पर 14 सितंबर को हमला हुआ था।

परिवार को आरोप है कि पुलिस ने उनपर जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया।

इसके बाद पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई और इसके खिलाफ अनेक स्थानों पर प्रदर्शन हुए।

हाथरस प्रशासन ने बृहस्पतिवार को निषेधाज्ञा लागू कर चार से अधिक लोगों के एक स्थान पर जमा होने पर रोक लगा दी। वहीं, गांव में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के साथ ही मीडिया कर्मियों के साथ भी पुलिस की धक्का-मुक्की की घटना हुई।

पीड़िता के गांव में किसी के भी प्रवेश को रोकने के लिए करीब 300 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।

प्रशासन ने मीडिया के गांव में प्रवेश पर लगी रोक हटा ली। संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एसआईटी की जांच पूरी हो गई है और केवल मीडिया को गांव में प्रवेश की अनुमति दी गई है।’’

अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था जिसे 14 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है।

राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी अवनीश अवस्थी और पुलिस प्रमुख एचसी अवस्थी पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और वापस लौटने पर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

अवनीश अवस्थी ने बताया, ‘‘वहां से लौटने के बाद हम पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देंगे।’’

पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा कर दी और यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘हाथरसहॉर्रर’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया ‘‘इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को यह स्वीकार नहीं करना चाहिए।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।’’

प्रियंका गांधी वाद्रा ने योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नैतिक रूप से दिवलिया करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है।

पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।’’

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा महिला के परिवार को न्याय देने से इनकार किया गया और उन्हें डराया किया जा रहा है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मामले की सीबीआई जांच या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है और कहा कि वह इस मामले की शुरुआती जांच से संतुष्ट नहीं हैं।

मायावती ने शनिवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘हाथरस जघन्य गैंगरेप काण्ड को लेकर पूरे देश में ज़बरदस्त आक्रोश है। इसकी शुरूआती आई जाँच रिपोर्ट से जनता सन्तुष्ट नहीं लगती है। अतः इस मामले की CBI से या फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच होनी चाहिये, बी.एस.पी. की यह माँग।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘साथ ही, देश के माननीय राष्ट्रपति यू.पी. से आते हैं व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में ख़ासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये दखल देने की भी उनसे पुरज़ोर अपील।”

भाषा धीरज शाहिद

शाहिद


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