मध्यस्थता में न्याय तक पहुंच बेहतर बनाने की शक्ति है: प्रधान न्यायाधीश गवई

मध्यस्थता में न्याय तक पहुंच बेहतर बनाने की शक्ति है: प्रधान न्यायाधीश गवई

मध्यस्थता में न्याय तक पहुंच बेहतर बनाने की शक्ति है: प्रधान न्यायाधीश गवई
Modified Date: July 31, 2025 / 10:33 pm IST
Published Date: July 31, 2025 10:33 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने बृहस्पतिवार को कहा कि विवादों को मुकदमेबाजी में बदलने से रोकने तथा न्याय तक पहुंच को बेहतर बनाने की शक्ति मध्यस्थता में है।

मध्यस्थता पर छठे अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ‘समर स्कूल’ के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मध्यस्थता के उपयोग से पारंपरिक अदालतों पर बोझ कम होता है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि विवादों के समाधान के तरीके के रूप में मध्यस्थता का उपयोग करने का सुसंगत दृष्टिकोण मुकदमेबाजी को कम कर सकता है।

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उन्होंने कहा कि मध्यस्थता न केवल पेशेवर कौशल बल्कि जीवन कौशल भी है क्योंकि यह हमें धैर्यपूर्वक सुनने, प्रभावी तरीके से संवाद करने और मतभेदों को रचनात्मक रूप से सुलझाने की सीख देती है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि भारतीय कानून और अदालतें लंबे समय से न्याय प्रदान करने के एक साधन के रूप में मध्यस्थता के महत्व को पहचानती रही हैं।

‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि देश में मध्यस्थता को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बार मध्यस्थता में अहम भूमिका निभा सकता है।

सिंह ने कहा, ‘‘अगर अधिक मामलों को मध्यस्थता के लिए नहीं लाया गया, तो लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जाएगी।’’

इस कार्यक्रम का आयोजन ‘एनआईवीएएआरएएन’ (भारतीय उच्चतम न्यायालय के मध्यस्थों) द्वारा 31 जुलाई से 11 अगस्त तक 12 दिनों के लिए किया जा रहा है।

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश


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