मेडिकल कॉलेज विवाद: राष्ट्रीय बजरंग दल ने जम्मू में प्रदर्शन कर हिंदुओं के लिए आरक्षण की मांग की

मेडिकल कॉलेज विवाद: राष्ट्रीय बजरंग दल ने जम्मू में प्रदर्शन कर हिंदुओं के लिए आरक्षण की मांग की

मेडिकल कॉलेज विवाद: राष्ट्रीय बजरंग दल ने जम्मू में प्रदर्शन कर हिंदुओं के लिए आरक्षण की मांग की
Modified Date: December 4, 2025 / 04:25 pm IST
Published Date: December 4, 2025 4:25 pm IST

जम्मू, चार दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय बजरंग दल ने बृहस्पतिवार को श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में 42 मुस्लिम छात्रों, अधिकतर कश्मीर से, के प्रवेश के विरोध में मार्च निकाला और संस्थान में हिंदुओं के लिए सीट आरक्षित करने की मांग की।

इस महीने की शुरुआत में मेडिकल कॉलेज द्वारा नीट मेधा सूची के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।

कॉलेज ने छात्रों को प्रवेश दिया और अपनी 85 प्रतिशत सीटें जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए आवंटित कीं। 50 एमबीबीएस छात्रों के पहले समूह के लिए जम्मू से सात हिंदू छात्रों और एक सिख उम्मीदवार का चयन किया गया।

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दक्षिणपंथी संगठन ने इन दाखिलों को श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के “लाखों हिंदुओं के दान पर चलने वाले मेडिकल कॉलेज पर हावी होने की साजिश” करार दिया और चयन प्रक्रिया की जांच की मांग की।

अधिकारियों ने बताया कि दल प्रमुख राकेश कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शहर के मध्य में इसके बैनर तले एकत्र हुए और इंदिरा चौक की ओर मार्च निकाला।

उन्होंने हिंदू समुदाय के लिए “न्याय” की मांग करते हुए और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारे लगाए और बाद में शांतिपूर्वक तितर-बितर हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री और बोर्ड का पुतला भी फूंका।

कुमार ने संस्थान में प्रवेश की संरचना का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, “इस संस्थान को कैसे कमजोर किया जा सकता है और एक समुदाय द्वारा इस पर प्रभुत्व कैसे स्थापित किया जा सकता है? इसकी जांच होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन और केंद्र सरकार को अपने छात्रों के लिए सीटें आरक्षित करके समुदाय को न्याय देना चाहिए, जैसा कि अन्य मुस्लिम और सिख संस्थानों में किया जाता है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने कॉलेज में प्रवेश के लिए धार्मिक आधार पर भेदभाव करने के प्रयासों की आलोचना की थी और कहा था कि केवल योग्यता ही चयन का निर्धारण करती है।

भाषा तान्या प्रशांत

प्रशांत


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