महरौली विध्वंस: अदालत ने डीयूएसआईबी से अधिसूचित सूची में एक बस्ती को शामिल करने व हटाने का कारण पूछा

महरौली विध्वंस: अदालत ने डीयूएसआईबी से अधिसूचित सूची में एक बस्ती को शामिल करने व हटाने का कारण पूछा

महरौली विध्वंस: अदालत ने डीयूएसआईबी से अधिसूचित सूची में एक बस्ती को शामिल करने व हटाने का कारण पूछा
Modified Date: February 17, 2023 / 10:03 pm IST
Published Date: February 17, 2023 10:03 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) से एक हलफनामा दायर कर पुनर्वासित/अधिसूचित झुग्गी बस्तियों की सूची में महरौली की एक बस्ती को शामिल करने और फिर हटाने का कारण स्पष्ट करने को कहा।

उच्च न्यायालय ने डीयूएसआईबी और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वकील को 21 फरवरी तक अपना हलफनामा दायर करने का समय दिया। अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भी एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने को कहा।

न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा, ‘यह लोगों के 400 घरों से जुड़ा हुआ है। आपको मुझे कारण बताना होगा कि आपने इसे क्यों बाहर किया। आपने पहले इसे शामिल किया और फिर इसे सूची से हटा दिया। मुझे वजहों के साथ विवरण चाहिए।’

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उच्च न्यायालय महरौली में घोसिया झुग्गी बस्ती द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे अधिकारियों द्वारा हटाया जाना था।

अदालत ने कहा कि 400 झुग्गियों के संबंध में यथास्थिति कायम रखने का अधिकारियों को निर्देश देने वाला उसका अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख यानी 28 फरवरी तक बरकरार रहेगा।

सुनवाई के दौरान डीयूएसआईबी के वकील ने कहा कि बस्ती पहले सूची में थी, लेकिन अब उसे हटा दिया है। डीडीए के वकील ने साइट की गूगल तस्वीरों के साथ हलफनामा दायर करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया।

भाषा अविनाश दिलीप

दिलीप


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