पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यक भारत में चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे सकेंगे |

पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यक भारत में चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे सकेंगे

पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यक भारत में चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे सकेंगे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : August 6, 2022/11:56 am IST

नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए और 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए देश में चिकित्सक के रूप में सेवाएं देने के द्वार खोल दिए हैं।

एनएमसी ने ऐसे लोगों के आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिन्होंने आधुनिक चिकित्सा या एलोपैथी के क्षेत्र में काम करने के वास्ते स्थायी पंजीकरण कराने के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त की है।

एनएमसी के स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड (यूएमईबी) द्वारा शुक्रवार को जारी एक नोटिस के अनुसार, छांटे गए आवेदकों को आयोग या उससे अधिकृत एजेंसी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।

एनएमसी ने जून में विशेषज्ञों के एक समूह का गठन किया था, ताकि पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए उन अल्पसंख्यक चिकित्सा स्नातकों के लिए प्रस्तावित परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकें, जो पाकिस्तान से भारत आ गए थे और यहां चिकित्सा क्षेत्र में स्थायी पंजीकरण कराने के लिए भारत की नागरिकता ली थी।

यूएमईबी के मुताबिक, आवेदक के पास चिकित्सा क्षेत्र में वैध योग्यता होनी चाहिए और उसने भारत आने से पहले पाकिस्तान में चिकित्सक के रूप में सेवाएं दी हों। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पांच सितंबर है।

भाषा सिम्मी पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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