Shri Sanwariya Seth Mandir: सेठों के सेठ का चमत्कार!.. इतिहास में पहली बार इस मंदिर के चढ़ावे के सारे रिकॉर्ड टूटे… सोना-चांदी देख दंग रह जाएंगे आप
चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध श्री सांवलियाजी सेठ मंदिर में इस साल भक्तों द्वारा किया गया चढ़ावा इतिहास रच गया। नकद और ऑनलाइन योगदान मिलाकर कुल चढ़ावा 51 करोड़ 27 लाख 30 हजार 112 रुपए रहा। सोना और चांदी के भव्य चढ़ावे ने मंदिर की आस्था और भक्तों के समर्पण को उजागर किया।
Shri Sanwariya Seth Mandir / Image Source: X @arvindchotia
- सांवलिया सेठ मंदिर के चढ़ावे के सारे रिकॉर्ड टूटे।
- इस साल मंदिर में कुल चढ़ावा ने बनाया बड़ा रिकॉर्ड।
- भक्तों ने नकद के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से भी चढ़ावा दिया।
Shri Sanwariya Seth Mandir: चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी सेठ मंदिर में इस साल भक्तों द्वारा किए गए चढ़ावे ने इतिहास रच दिया है। गुरुवार को छठे और आखिरी राउंड में गिनती पूरी होने के बाद ये पता चला कि इस बार कुल चढ़ावा 51 करोड़ 27 लाख 30 हजार 112 रुपए के आंकड़े तक पहुंच गया। ये मंदिर के इतिहास में पहली बार है, जब भंडार ने 51 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।
भक्तों की भारी श्रद्धा
इस साल भक्तों ने न केवल नकद चढ़ावा किया बल्कि ऑनलाइन माध्यम से भी बड़ी श्रद्धा दिखाई। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 10 करोड़ 52 लाख 89 हजार 569 रुपए प्राप्त हुए, जो पिछले वर्षों की तुलना में नहुत ज्यादा है। नकद चढ़ावे और ऑनलाइन धनराशि को मिलाकर ये आंकड़ा इस बार हैरान कर देने वाला रहा। भक्तों ने इस अवसर पर सोना और चांदी के भव्य चढ़ावे भी किए। मंदिर भंडार और भेंट कक्ष में कुल 207 किलो 793 ग्राम चांदी और 1204 ग्राम 04 मिलीग्राम सोना प्राप्त हुआ। इसमें भंडार से 86.200 किलो चांदी और भेंट कक्ष से 121.593 किलो चांदी मिली। वहीं, भंडार से 985 ग्राम सोना और भेंट कक्ष से 219 ग्राम 400 मिलीग्राम सोना आया।
सांवलिया सेठ के चढ़ावे के सारे रिकॉर्ड टूटे
इस बार कुल 51 करोड़ रुपए से ज्यादा आए
भक्तों ने एक किलो से ज्यादा सोना, 207 किलो से ज्यादा चांदी चढ़ाई
चित्तौड़गढ़ के कृष्णधाम श्रीसांवलियाजी सेठ मंदिर को दान में मिली राशि ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। गुरुवार को छठे और आखिरी राउंड… pic.twitter.com/EEngksysHT
— Arvind Chotia (@arvindchotia) November 27, 2025
चढ़ावे की अंतिम गिनती के बाद मंदिर प्रबंधन ने कहा कि भक्तों का योगदान मंदिर के इतिहास में एक नए अध्याय की तरह दर्ज हो गया है। इस आयोजन ने भक्तों की आस्था, उत्साह और मंदिर के महत्व को फिर से उजागर किया है।
भक्ति और समर्पण का प्रतीक
सांवलियाजी सेठ मंदिर में हर साल होने वाले चढ़ावे को न केवल धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है, बल्कि ये भक्तों के समर्पण और विश्वास का प्रतीक भी है। इस बार रिकॉर्ड तोड़ चढ़ावे ने ये साबित कर दिया कि मंदिर की आस्था केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि दूर-दराज के श्रद्धालुओं में भी प्रबल है।
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