केशुभाई के निधन पर मोदी ने जताया शोक, कहा: गुजरात के विकास के लिए समर्पित रहा उनका जीवन

केशुभाई के निधन पर मोदी ने जताया शोक, कहा: गुजरात के विकास के लिए समर्पित रहा उनका जीवन

केशुभाई के निधन पर मोदी ने जताया शोक, कहा: गुजरात के विकास के लिए समर्पित रहा उनका जीवन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: October 29, 2020 8:31 am IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनका जीवन राज्य के विकास और हर गुजराती के सशक्तीकरण के लिए समर्पित रहा।

मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘हम सबके प्रिय और सम्मानित केशुभाई नहीं रहे…मैं बहुत व्यथित और दुखी हूं। वह एक उत्कृष्ट नेता थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा। उनका जीवन गुजरात के विकास और हर गुजराती के सशक्तीकरण के लिए समर्पित रहा।’’

उन्होंने केशुभाई के पुत्र भरत से फोन पर बातचीत की और अपनी शोक संवादनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि केशुभाई ने उनके जैसे कई युवा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया और उन्हें तैयार किया।

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मोदी ने कहा, ‘‘उनके मिलनसार व्यवहार के चलते हर कोई उनसे प्यार करता था। उनका निधन अपूरणीय क्षति है। हम सब आज शोक में हैं। उनके परिजनों और उनके चाहने वालों के साथ मेरी संवदेनाएं हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा और जन संघ को मजबूत करने के लिए केशुभाई ने पूरे गुजरात का भ्रमण किया और उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के मुद्दे उनके दिल के बेहद करीब थे। मुख्यमंत्री के रूप में या सांसद या विधायक के रूप में उन्होंने किसानों के हित में कई उपाय सुनिश्चित किए।’’

केशुभाई पटेल का आज गुजरात में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। पटेल 92 वर्ष के थे। वह 1995 और फिर 1998 से 2001 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

पटेल छह बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे। साल 2012 में भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने‘गुजरात परिवर्तन पार्टी’ बनाई, जिसने 2012 में राज्य के विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया।

जूनागढ़ जिले के विसावदर शहर में 1928 में जन्मे पटेल 1945 में बतौर प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बतौर जन संघ कार्यकर्ता के तौर पर की थी।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र दिलीप

दिलीप


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