कोलकाता: Ration Card updates in 2022 खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश में करीब 80 करोड़ परिवारों को राशन कार्ड के जरिए सस्ता अनाज दिया जाता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो सरकार की इस योजना का गलत इस्तेमाल करते हैं और मुफ्त राशन योजना का लाभ ले रहे हैं। अब सरकार ने फर्जी राशन कार्ड धारकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। इसी के तहत सरकार ने पश्चिम बंगाल में अब तक 68 लाख से अधिक लोगों के राशन कार्ड को रद्द कर दिया है। अब ये लोग मुफ्त में मिलने वाले राशन का लाभ नहीं ले पाएंगे।
Cancelled Ration Card केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार रद किए गए फर्जी राशन कार्डों की संख्या के मामले में बंगाल उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है। यह देखा जा सकता है कि एक ही आधार संख्या वाले कई राशन कार्ड हैं। एक ही परिवार में कहीं एक व्यक्ति के नाम से एक से अधिक कार्ड मिले हैं। कई राशन कार्ड धारकों की मौत हो गई लेकिन उनकी जानकारी प्रशासन को नहीं दी गई। इसके चलते मृतकों के नाम पर राशन लिया जा रहा था। उन सभी को रद कर दिया गया है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में इस काम की शुरुआत से इस साल मई तक पूरे देश में 4 करोड़ 74 लाख 66 हजार 230 फर्जी राशन कार्ड जब्त किए गए हैं। उन्हें रद कर दिया गया है। इनमें से 1 करोड़ 73 लाख 51 हजार 380 राशन कार्ड उत्तर प्रदेश के हैं। बंगाल के 68 लाख 62 हजार 371 फर्जी राशन कार्ड रद कर दिए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों का नंबर आता है। सरकारी अनुमानों के अनुसार, लगभग 4.75 करोड़ नकली राशन कार्डों को रद करने से सरकार को सालाना 33,600 करोड़ रुपये की बचत होगी। आधार को राशन कार्ड से जोडऩे का काम भी लगभग 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
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हालांकि केंद्र सरकार के अधिकारी का कहना है कि फर्जी राशन कार्डों को पहचानने और रद करने का काम राज्य सरकार के स्तर पर होता है। यह राज्य प्रशासन है जो संदिग्ध राशन कार्डों की पहचान करता है। यदि आवश्यक हो, तो राशन कार्ड पर दिए गए पते पर जाएं और सत्यापित करें। फर्जी राशन कार्ड को रद कर राशन के पात्र सभी गरीब लोगों के नाम जुड़ जाते हैं। बंगाल सरकार ने शुरू में आपत्ति की लेकिन बाद में एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली के तहत पंजीकृत हो गई। राशन कार्ड-आधार कनेक्शन आने के साथ ही फर्जी राशन कार्डों की खोज आसानी से शुरू हो गई है।