मोदी सरकार ने शुरू नहीं की राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया, संप्रग के प्रयासों का लाभ मिला:कांग्रेस
मोदी सरकार ने शुरू नहीं की राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया, संप्रग के प्रयासों का लाभ मिला:कांग्रेस
नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुबंई हमले से जुड़े आतंकवादी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया (नरेन्द्र) मोदी सरकार ने न तो शुरू की थी और न ही उसने कोई नई सफलता हासिल की, बल्कि उसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) के समय किये गये कूटनीतिक प्रयासों का लाभ हुआ है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रत्यर्पण डेढ़ दशक के कठिन कूटनीतिक, कानूनी और खुफिया प्रयासों का नतीजा है।
चिदंबरम ने एक बयान में कहा, ‘मुझे खुशी है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को 10 अप्रैल, 2025 को भारत प्रत्यर्पित किया गया, लेकिन पूरी कहानी बताई जानी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि यह प्रत्यर्पण डेढ़ दशक के कठिन कूटनीतिक, कानूनी और खुफिया प्रयासों का नतीजा है।
चिदंबरम के मुताबिक, राणा के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत 11 नवंबर 2009 को उस वक्त हुई, जब एनआईए ने डेविड हेडली के खिलाफ नई दिल्ली में मामला दर्ज किया था।
उन्होंने संप्रग सरकार के समय हुए कई प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कोई मीडिया स्टंट नहीं , बल्कि शांत, दृढ़संकल्पित कानूनी कूटनीति थी।
उनका कहना है, ‘मोदी सरकार ने न तो यह प्रक्रिया शुरू की और न ही कोई नई सफलता हासिल की। उसे केवल संप्रग सरकार के तहत शुरू की गई परिपक्व, सुसंगत और रणनीतिक कूटनीति से लाभ हुआ।’
उन्होंने कहा कि यह प्रत्यर्पण इस बात का प्रमाण है कि जब कूटनीति, कानून प्रवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को ईमानदारी से और किसी भी प्रकार की छाती ठोके बिना अपनाया जाता है तो भारत क्या हासिल कर सकता है।
भाषा हक नरेश पवनेश
पवनेश

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