Moga DC Tractor Driving Video: जब ट्रेक्टर लेकर खेत में उतरे जिले के डिप्टी कमिश्नर.. बन गये किसान, जानें क्या थी इसकी वजह

दो अन्य किसान जसविंदर सिंह और नारंग सिंह ने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से डीएसआर विधि का उपयोग कर रहे हैं और उन्होंने कभी पराली नहीं जलाई। उन्होंने अपनी मशीनों का मुफ्त उपयोग करके अन्य किसानों की मदद करने का वादा किया है।

Moga DC Tractor Driving Video: जब ट्रेक्टर लेकर खेत में उतरे जिले के डिप्टी कमिश्नर.. बन गये किसान, जानें क्या थी इसकी वजह

Moga DC Tractor Driving Video || Image- The Tribune File

Modified Date: May 24, 2025 / 10:26 pm IST
Published Date: May 24, 2025 10:24 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मोगा डीसी ने खुद चलाया ट्रैक्टर, किसानों को सिखाई पानी बचाने वाली खेती विधि।
  • सरकार देगी ₹1500 प्रति एकड़ सब्सिडी, कम पानी वाली फसलें उगाने की सलाह।
  • किसानों ने 10 साल से अपनाई DSR विधि, पराली न जलाने का दिया संदेश।

Moga DC Tractor Driving Video: मोगा: किसानों में चावल की सीधी बुवाई (डीएसआर) जैसी विधि को प्रोत्साहित करने के मकसद से मोगा के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) सागर सेतिया ने ऐसा तरीका अपनाया, जोकिअब क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। मोगा जिले के डीसी सागर सेतिया ने बुध सिंह वाला गांव में खेतों में खुद ट्रैक्टर चलाया और पानी बचाने की विधि से किसानों को अवगत कराया। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहें।

Read More: Korba Nagar Nigam Commissioner: निगम आयुक्त जायेंगे प्रशिक्षण लेने IAS अकादमी मसूरी.. अपर कमिश्नर विनय मिश्रा को मिली अस्थाई कमान

डीसी ने किसानों को बताया कि, राज्य सरकार इस विधि का उपयोग करने वालों को प्रति एकड़ 1,500 रुपये की मदद देगी। उन्होंने कहा कि इस विधि से की जानें वाली खेती से अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता कम होती है और खर्च भी कम होता है। उन्होंने किसानों से कपास, मक्का और मूंग जैसी फसलें उगाने के लिए भी कहा, जिनमें पानी की कम आवश्यकता होती है।

 ⁠

Read Also: Naxalites Encounter Ground Zero: जहां मारा गया नक्सलियों का सरदार ‘बसवाराजू’ वहां पहुंची IBC24 की टीम.. 11 घंटो में 45 किलोमीटर का पैदल सफर.. देखें पूरा मंजर..

Moga DC Tractor Driving Video: दो अन्य किसान जसविंदर सिंह और नारंग सिंह ने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से डीएसआर विधि का उपयोग कर रहे हैं और उन्होंने कभी पराली नहीं जलाई। उन्होंने अपनी मशीनों का मुफ्त उपयोग करके अन्य किसानों की मदद करने का वादा किया है।


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown