नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत को बृहस्पतिवार को बताया गया कि कथित ठग संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया ने ‘डालमिया फैमिली ऑफिस ट्रस्ट’ से कथित तौर पर जो छह करोड़ रुपये ऐंठे थे, वह उस धनराशि का हिस्सा था जो अंसल बंधुओं की राशि गबन करके डालमिया ने अर्जित की थी।
गौरव डालमिया ‘डालमिया फैमिली ऑफिस ट्रस्ट’ के न्यासी हैं।
राय के अधिवक्ता ने विशेष न्यायाधीश सचिन गुप्ता के समक्ष उनकी जमानत याचिका पर बहस के दौरान यह बात कही। न्यायाधीश ने इस बिंदु पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आठ दिसंबर तक स्पष्टीकरण मांगा। इसी दिन अदालत मामले में आगे की सुनवाई करेगी।
आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता नितेश राणा ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि ईडी खुद इस मामले को लेकर भ्रमित है।
राणा ने कहा कि राय के खिलाफ कथित अपराध की आय के जो छह करोड़ रुपये हैं, वह गौरव डालमिया द्वारा ‘अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ और ‘अंसल लैंडमार्क टाउनशिप लिमिटेड’ से अर्जित किये गए धन का हिस्सा है।
उन्होंने अदालत को बताया, ‘‘डालमिया समूह ने अंसल से 53.14 करोड़ रुपये का गबन किया और छह करोड़ रुपये ‘यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन’ (वाईआरईएफ) को दान के रूप में हस्तांतरित कर दिये। वाईआरईएफ में राय एक हस्ताक्षरकर्ता थे। बाद में दिल्ली में ईडी ने आरोप लगाया कि छह करोड़ जबरन ऐंठे गये थे। मामले को लेकर ईडी खुद भ्रमित है।’’
उन्होंने सवाल उठाया कि अपराध की एक ही आय के लिए दो अलग-अलग मामले कैसे हो सकते हैं।
ईडी ने आरोप लगाया है कि राय को अपने खिलाफ जारी जांच में गिरफ्तारी की आशंका है। ईडी का आरोप है कि राय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं के करीबी होने का दावा करके गौरव डालमिया और उनके परिवार से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।
धनशोधन का यह मामला लखनऊ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से संबद्ध हैं। इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि राय ने खुद को वरिष्ठ नेताओं और नौकरशाहों के करीबी के रूप में पेश किया और आम जनता से मोटी रकम की ठगी की।
भाषा खारी देवेंद्र
देवेंद्र
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