money recovered by ED is not mine SAYS Partha Chatterjee

‘ED ने जो रुपए बरामद किए हैं वो मेरे नहीं हैं’, ‘समय आने पर खुलेगा राज’

Partha Chatterjee : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले के केंद्र में रहे राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी ने रविवार को दावा किया...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : July 31, 2022/10:01 pm IST

कोलकाता। Partha Chatterjee : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले के केंद्र में रहे राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी ने रविवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान बरामद रुपये उनके नहीं हैं, और समय बताएगा कि उनके खिलाफ ‘‘साजिश’’ में कौन लोग शामिल हैं। मामले में गिरफ्तार किये गए चटर्जी को चिकित्सीय जांच के लिए जोका स्थित ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। वहां वाहन से उनके उतरने के बाद जब पत्रकारों ने घोटाले के संबंध में उनसे सवाल किया तो चटर्जी ने कहा, ‘‘रुपये (बरामद की गई रकम) मेरे नहीं हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या किसी ने उनके खिलाफ साजिश की है, उन्होंने कहा, ‘‘समय आने पर आपको पता चल जाएगा।’’ बाद में अस्पताल से बाहर निकलने पर चटर्जी ने एक बार फिर से कहा कि रुपये उनके नहीं हैं और वह ‘‘इस तरह के लेनदेन में कभी शामिल नहीं रहे हैं। ’’

ईडी के अधिकारियों के अनुसार, करीब 50 करोड़ रुपये नकद चटर्जी की करीबी माने जाने वाली अर्पिता मुखर्जी के दो अपार्टमेंट से बरामद किये गये हैं। साथ ही, सोना भी बरामद किया गया, जिसके मूल्य का आकलन किया जा रहा है। चटर्जी (69) ने शुक्रवार को कहा था कि वह एक साजिश का शिकार हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस द्वारा उन्हें निलंबित किये जाने के फैसले पर नाखुशी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘यह फैसला (मुझे निलंबित करने का) निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है…।’’

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कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले चटर्जी ने उन्हें मंत्री पद से हटाने के कदम के बारे में कहा, ‘‘उनका (ममता का) फैसला सही है।’’ चटर्जी को विभिन्न विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया और बृहस्पतिवार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है।

मुखर्जी को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है।तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व ने पूर्व मंत्री की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चटर्जी खुद ही अपनी नियति के लिए जिम्मेदार हैं। टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘गिरफ्तारी के बाद पिछले कुछ दिनों से वह चुप क्यों थे? उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाने और अपनी बेगुनाही साबित करने का पूरा अधिकार है। पार्टी का इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।’’

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘यदि बरामद किये गये रुपये पार्थ चटर्जी के नहीं हैं, तो किसके हैं? उन्हें यह बताना चाहिए। राज्य के लोग जानना चाहते हैं कि लूट की इस रकम का मालिक कौन है।’’ दिन में, भाजपा ने पश्चिम मेदिनीपुर के नारायणगढ़ इलाके में एक रैली निकाली।

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘टीएमसी के चोरों की फौरन गिरफ्तारी और पश्चिम बंगाल की डकैत कैबिनेट को हटाने की मांग को लेकर आज मैं खाकुर्दा बाजार, नारायणगढ़ में एक रैली में शामिल हुआ। आज भाजपा ने एक विशाल रैली की। आम आदमी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।’’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि चटर्जी को संगठित भर्ती घोटाले के रहस्यों पर से पर्दा हटाना चाहिए।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों के आधार पर समूह-सी और-डी कर्मचारियों के साथ-साथ सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। चटर्जी उस वक्त शिक्षा मंत्री थे, जब यह कथित घोटाला हुआ था।

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