मानव तस्करी कानून के तहत सुनवाई के लिए और अधिक विशेष अदालतों की मांग पर जवाब तलब

मानव तस्करी कानून के तहत सुनवाई के लिए और अधिक विशेष अदालतों की मांग पर जवाब तलब

मानव तस्करी कानून के तहत सुनवाई के लिए और अधिक विशेष अदालतों की मांग पर जवाब तलब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: December 8, 2020 2:00 pm IST

प्रयागराज, आठ दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अनैतिक मानव तस्करी रोकथाम कानून, 1956 के तहत मुकदमों की सुनवाई के लिए और अधिक विशेष अदालतों की मांग वाली एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने को सोमवार को कहा।

जनहित याचिका में अदालत से उत्तर प्रदेश राज्य के प्रत्येक जिले में विशेष अदालतों की स्थापना का निर्देश देने की मांग की गई थी जिससे अनैतिक मानव तस्करी रोकथाम कानून, 1956 के तहत मुकदमों की सुनवाई हो सके। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 जनवरी तय की।

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने ‘गुड़िया’ नाम के एक सामाजिक संगठन द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि अदालतों की कमी की वजह से उत्तर प्रदेश में मानव तस्करी तेजी से बढ़ रही है और इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं।

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जिरह के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत के संज्ञान में यह बात लाई कि कोविड-19 की पाबंदियों के दौरान भी इस तरह की तस्करी जोरों पर रही। मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा किए गए अध्ययन को भी अदालत के समक्ष पेश किया गया।

अदालत ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय देते हुए कहा, “याचिका में उल्लिखित सभी तथ्यों पर नत्थी किए गए दस्तावेजों पर गौर फरमाने के बाद हम राज्य से जवाब तलब करना उचित समझते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी, 2021 को की जाएगी। इस दौरान प्रतिवादी- राज्य सरकार अपना जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकती है।”

भाषा राजेन्द्र

प्रशांत वैभव

वैभव


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