राहुल भट की हत्या: नाराज कश्मीरी पंडितों ने किया रात भर विरोध प्रदर्शन, तहसीलदार ऑफिस में घुसकर बरसाई थी गोलियां

तहसीलदार ऑफिस में घुसकर सरकारी कर्मचारी की हत्या ने एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। गुरुवार को रात भर कश्मीरी पंडित प्रदर्शन करते रहे और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। Murder of Rahul Bhat: Angry Kashmiri Pandits protested overnight, entered Tehsildar's office and fired bullets

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  • Publish Date - May 13, 2022 / 11:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

Murder of Rahul Bhat

Murder of Rahul Bhat: श्रीनगर। Fri, 13 May 2022। एक तरफ जहां सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने के प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ आतंकवादी खौफ दिखाकर एकबार फिर उन्हें अपनी मातृभूमि से दूर रहने को विवश कर रहे हैं। गुरुवार शाम को तहसीलदार ऑफिस में घुसकर सरकारी कर्मचारी की हत्या ने एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों की चिंता बढ़ा दी है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने तहसील दफ्तर में घुसकर 36 साल के राहुल भट पर गोलियां बरसा दी थीं। इस घटना ने कश्मीरी पंडितों का गुस्सा बढ़ा दिया है और गुरुवार रात भर लोग प्रदर्शन करते रहे।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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राहुल भट की हत्या के बाद बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित ट्रांजिट कैंपों से निकले और सड़कों पर प्रदर्शन किया। कैंडल मार्च निकाला और सरकार से उनकी रक्षा के लिए उपाय किए जाने की मांग की। 1990 में घाटी में आतंकवाद का उभार होने के बाद बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित पलायन कर देश भर के अलग-अलग हिस्सों में चले गए थे। कुछ परिवार ट्रांजिट कैंपों में ही ठहर गए। कश्मीरी पंडितों ने विरोध में मार्च निकालते हुए कहा कि इस घटना ने उन्हें दहशत में ला दिया है और उनके वापस अपने घर लौटने की कोशिशों को झटका लगा है।

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तहसीलदार ऑफिस में घुसकर आतंकियों ने की तड़ातड़ फायरिंग

Murder of Rahul Bhat: बडगाम जिले के चडूरा गांव के तहसीलदार ऑफिस में घुसकर आतंकियों ने राहुल भट पर तड़ातड़ फायरिंग कर दी थी। गौरतलब है कि बीते महीनों में कई बार आतंकवादी कश्मीरी पंडित एवं दूसरे राज्यों से आकर बसे अन्य हिंदुओं को निशाना बना चुके हैं। मेडिकल स्टोर के मालिक की हत्या हो या फिर स्कूल में घुसकर टीचर और प्रिंसिपल पर फायरिंग, इन्होंने हिंदू समुदाय की चिंताओं को बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि आतंकवादी सुरक्षा बलों की सख्ती और कश्मीरी पंडितों की वापसी की कोशिशों से खिसियाए हुए हैं जिसके कारण इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

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