Murti Visarjan Ban in Yamuna: इस नदी में गणेश विसर्जन नहीं कर पाएंगे राजधानी वासी, नियम का पालन नहीं करने पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना, निर्देश हुए जारी

Murti Visarjan Ban in Yamuna: DPCC की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि, कोई भी व्यक्ति यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन नहीं करेगा।

Murti Visarjan Ban in Yamuna: इस नदी में गणेश विसर्जन नहीं कर पाएंगे राजधानी वासी, नियम का पालन नहीं करने पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना, निर्देश हुए जारी

Murti Visarjan Ban in Yamuna/Image Credit: IBC24

Modified Date: August 29, 2025 / 10:24 am IST
Published Date: August 29, 2025 10:18 am IST
HIGHLIGHTS
  • दिल्ली में गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के लिए सख्त निर्देश जारी।
  • यमुना में मूर्ति विसर्जन करने पर लगा बैन।
  • निर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना।

नई दिल्ली: Murti Visarjan Ban in Yamuna: देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों को देखते हुए सख्त निर्देश जारी किए है। जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि, कोई भी व्यक्ति यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन नहीं करेगा। इतना ही नहीं इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। यह राशि पर्यावरण क्षति शुल्क के रूप में वसूली जाएगी।

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अधिकारियों ने कही ये बात

Murti Visarjan Ban in Yamuna:  इस मामले में अधिकारियों ने कहा कि, प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP), रंग और रसायनों से बनी मूर्तियां पानी में आसानी से नहीं घुलतीं, जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो जाता है और उसमें रहने वाले जीव-जंतु मरने लगते हैं। अधिकारियों ने आगे कहा कि, यमुना पहले ही देश की सबसे प्रदूषित नदियों में शामिल है, ऐसे में इस स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए यह कदम जरूरी है।

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DPCC ने लोगों से की अपील

Murti Visarjan Ban in Yamuna:  दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने लोगों से अपील की है कि, मूर्तियां बनाने के लिए प्राकृतिक मिट्टी का इस्तेमाल करें और विसर्जन केवल कृत्रिम तालाबों या प्रशासन द्वारा तय किए गए विशेष स्थानों पर ही करें। इतना ही नहीं गणेश विसर्जन को देखते हुए दिल्ली नगर निगम और अन्य एजेंसियों ने इस उद्देश्य के लिए अलग-अलग जगहों पर कृत्रिम तालाब बनाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के दौरान हजारों मूर्तियां यमुना में विसर्जित की जाती हैं। इन मूर्तियों से निकलने वाले रंग, रसायन और POP नदी के पानी की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं। इससे न केवल जलीय जीवन पर असर पड़ता है बल्कि यह प्रदूषित पानी पीने योग्य भी नहीं रह जाता।

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प्रशासन ने कहा – धार्मिक आस्था निभाना भी जरूरी

Murti Visarjan Ban in Yamuna:  आपको बता दें कि, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से भी यमुना को बचने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने यह सख्त नियम लागू किया है। प्रशासन ने साफ किया है कि धार्मिक आस्था निभाना जरूरी है, लेकिन इसके साथ प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। लोगों से POP और केमिकल से बनी मूर्तियों को खरीदने से बचने और विसर्जन के लिए केवल कृत्रिम तालाबों का इस्तेमाल करने की अपील की गई है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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