हिप्र: मुस्कान नेगी गायन संगीत में पीएचडी करने वाली पहली दृष्टि बाधित महिला बनीं
हिप्र: मुस्कान नेगी गायन संगीत में पीएचडी करने वाली पहली दृष्टि बाधित महिला बनीं
शिमला, 16 दिसंबर (भाषा) मुस्कान नेगी को अपने शोध कार्य के लिए ब्रेल लिपि की सहायता नहीं मिली लेकिन यह अभाव भी उन्हें गायन संगीत में पीएचडी प्राप्त करने से नहीं रोका सका। वह अपने समर्पण वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से यह उपाधि प्राप्त करने वालीं पहली दृष्टि बाधित महिला बनीं।
राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) में संगीत की सहायक शिक्षिका नेगी, दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित उमंग फाउंडेशन (एनजीओ) की ‘ब्रांड एंबेसडर’ भी हैं। वह निर्वाच आयोग की ‘युवा आइकन’ भी हैं।
नेगी की उपलब्धि की सराहना करते हुए प्रोफेसर मृत्युंजय शर्मा (जिनके मार्गदर्शन में नेगी ने गायन संगीत में स्नातकोत्तर, एमफिल और पीएचडी पूरी की) ने कहा कि उनका दृढ़ संकल्प अनुकरणीय था और उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने के लिए कई बाधाओं को पार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा में आप ब्रेल लिपि में उपलब्ध शिक्षण सामग्री पर निर्भर नहीं रह सकते। मुस्कान ने लिखी हुई चीजों को बोलकर सुनाने वाले उपकरण से युक्त लैपटॉप का उपयोग करके अपनी पढ़ाई जारी रखी और मोबाइल फोन के माध्यम से ई-संसाधनों तक पहुंच बनाई।’’
नेगी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता अंबिका देवी, पिता जय चंद और अन्य रिश्तेदारों को दिया, जिन्होंने लगातार उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में अपने विभिन्न प्रोफेसर और अन्य लोगों को भी धन्यवाद दिया।
नेगी ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गायन में कई पुरस्कार जीते हैं और उन्हें राजभवन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला द्वारा सम्मानित भी किया गया था। भारत के कई राज्यों में प्रस्तुति देने के अलावा, उन्होंने अमेरिका के पांच राज्यों में भी प्रस्तुतियां दीं।
भाषा तान्या संतोष
संतोष
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