मुस्लिम नेताओं ने समुदाय का आरक्षण खत्म करने पर कर्नाटक सरकार की आलोचना की, अदालत में देंगे चुनौती |

मुस्लिम नेताओं ने समुदाय का आरक्षण खत्म करने पर कर्नाटक सरकार की आलोचना की, अदालत में देंगे चुनौती

मुस्लिम नेताओं ने समुदाय का आरक्षण खत्म करने पर कर्नाटक सरकार की आलोचना की, अदालत में देंगे चुनौती

:   Modified Date:  March 25, 2023 / 08:48 PM IST, Published Date : March 25, 2023/8:48 pm IST

बेंगलुरु, 25 मार्च (भाषा) कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार मुस्लिमों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 2बी श्रेणी के तहत मिले चार प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने के फैसले के बाद समुदाय के नेताओं के निशाने पर आ गई है। मुस्लिम नेताओं ने कहा है कि वे राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे।

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को फैसला किया कि वह मुस्लिम समुदाय को 2बी आरक्षण सूची से हटाए जाने के बाद नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दिए गए उक्त चार प्रतिशत आरक्षण को वोक्कालिगा और वीरशैव लिंगायत समुदायों में दो-दो प्रतिशत बांट देगी।

इस साल मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किए गए फैसले का राज्य की राजनीति में प्रभाव रखने वाले दोनों समुदायों ने स्वागत किया है। वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय को अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटे में प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी जो पारिवारिक आय के आधार पर निर्धारित होता है।

राज्य सरकार के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक मुस्लिम नेता ने आरोप लगाया कि समुदाय के अधिकारों को छीना जा रहा है।

वहीं, फैसले के खिलाफ शनिवार को कुछ मुस्लिम नेताओं ने बैठक की और राज्य सरकार के निर्णय को अस्वीकार करते हुए अदालत में चुनौती देने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अगला विधानसभा चुनाव जीतने के लिए यह राजनीतिक कदम उठाया है।

उलेमा काउंसिल के सदस्य और जामिया मस्जिद के मौलवी मकसूद इमरान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आज मुस्लिमों की शिक्षा में स्थिति अनुसूचित जाति(एससी) और अनुसूचित जनजाति(एसटी) से भी नीचे है। आप मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार का अंदाजा लगा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सड़कों पर नहीं उतरेंगे न ही सड़कों पर हंगामा करेंगे। हम अपने अधिकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।’’

इमरान ने कहा कि उन्हें वोक्कालिगा और लिंगायत को अतिरिक्त आरक्षण देने पर आपत्ति नहीं है लेकिन यह किसी के अधिकारों को छीन कर नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम वोक्कालिगा और लिंगायत के महंतों से अपील करना चाहते हैं कि क्या वे उन अधिकारों को लेना पसंद करेंगे जिन्हें किसी से छीन कर उन्हें दिया जा रहा है। हम सरकार पर अपने हक के आरक्षण के लिए दबाव बनाना चाहते हैं।’’

इमरान के मुताबिक मुस्लिमों का आरक्षण लिए बिना भी वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय का आरक्षण बढ़ाया जा सकता था।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

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