नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उच्च शिक्षण संस्थानों के राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी ग्रेडिंग सुनिश्चित करने के लिए उपाय तलाशने की मांग संबंधी याचिका पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और अन्य पक्षों से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बिस्ट्रो डेस्टिनो फाउंडेशन की याचिका पर शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) को नोटिस जारी किया है।
एनएएसी का वर्ष 1994 में गठन किया गया था, यह यूजीसी के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है जो पाठ्यक्रम, संकाय, बुनियादी ढांचे, अनुसंधान और वित्तीय कल्याण जैसे मानदंडों के आधार पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को ग्रेड देता है।
उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को अपने एक आदेश में कहा, ‘‘हम इस मामले की गहराई से जांच करना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि एनएएसी किस तरह काम कर रहा है। ’’
याचिका में एनएएसी द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों के मूल्यांकन और ग्रेडिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर चिंता जताई गई है।
याचिका में कहा गया है कि एनएएसी द्वारा अपनाई गई वर्तमान कार्यप्रणाली के तहत निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर चिंताएं हैं।
याचिका में, भ्रष्टाचार के एक मामले में एनएएसी अधिकारियों के खिलाफ एक फरवरी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले का हवाला दिया गया और कहा गया कि इससे उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया की प्रभावशीलता पर चिंताजनक सवाल उठते हैं।
भाषा रवि कांत सुभाष
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