कोहिमा, सात मार्च (भाषा) नगालैंड विधानसभा ने शुक्रवार को फैसला किया कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा और उन्हें पड़ोसी देश म्यांमा के साथ मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ ‘नगा लोगों की नाराजगी’ से अवगत कराएगा।
केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष जनवरी में एफएमआर को जल्द ही समाप्त करने की घोषणा की थी।
एफएमआर, भारत-म्यांमा सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति देता है।
मुख्यमंत्री नीफियू रियो ने विधानसभा में कहा कि यह प्रतिबंध भारत-म्यांमा सीमा के दोनों ओर रहने वाले नगा लोगों के सदियों पुराने ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आदिवासी और आर्थिक संबंधों को प्रभावित करेगा।
रियो ने प्रस्ताव दिया कि वह जल्द से जल्द केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और उनके समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे।
सदन के अन्य सदस्यों ने सुझाव को स्वीकार कर लिया।
प्रतिनिधिमंडल एक मार्च 2024 को पारित प्रस्तावों और आठ फरवरी 2024 और छह जनवरी 2025 के कैबिनेट निर्णयों के माध्यम से व्यक्त सदन की चिंताओं से केंद्र को अवगत कराएगा। भारत-म्यांमा सीमा 1,643 किलोमीटर लंबी है, जो मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है पर वर्तमान में एफएमआर है।
इसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत 2018 में लागू किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव ने इस संबंध में 22 जनवरी को केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा था।
भाषा जितेंद्र मनीषा
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