दीमापुर, 16 अप्रैल (भाषा) नगालैंड प्रदेश कांग्रेस समिति (एनपीसीसी) के कार्यकर्ता‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पार्टी नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) द्वारा बुधवार को आहूत देशव्यापी प्रदर्शन में शामिल हुए।
एनपीसीसी कार्यकर्ताओं ने कोहिमा में कांग्रेस भवन और दीमापुर में आयकर के अतिरिक्त आयुक्त के कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।
एनपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष सी अपोक जमीर ने कहा कि यह प्रदर्शन महज विरोध नहीं, बल्कि “लोकतंत्र की रक्षा और संविधान को बनाए रखने के लिए एक जन आंदोलन है।”
जमीर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संवैधानिक सिद्धांतों को नियोजित रूप से नष्ट करने का आरोप लगाया।
जमीर ने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं को बिना किसी ठोस सबूत के निशाना बनाने के लिए ईडी का “राजनीतिक हथियार के रूप में दुरुपयोग” किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इसलिए लक्षित किया जा रहा है, क्योंकि “वह गरीबों, अल्पसंख्यकों और हाशिये पर पड़े लोगों के साथ खड़ी है।”
जमीर ने कहा कि कांग्रेस न्याय, लोकतंत्र और भारत के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
एनपीसीसी अध्यक्ष एस सुपोंगमेरेन जमीर ने कहा कि कांग्रेस नेता अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़ी जातियों के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
सुपोंगमेरेन ने कहा, “चुनौतियों के बावजूद कांग्रेस जनता की भलाई के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है।”
भाषा पारुल माधव
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