कौशल विकास निगम घोटाला मामले के समय नियंत्रण की भूमिका में थे नायडू: आंध्र सरकार
कौशल विकास निगम घोटाला मामले के समय नियंत्रण की भूमिका में थे नायडू: आंध्र सरकार
नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू 2015 में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियंत्रण की भूमिका में थे, जब कौशल विकास निगम घोटाला हुआ था और उनके स्तर पर लिए गए फैसलों से सरकारी खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
नायडू को कथित रूप से धन के गबन के मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं और राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में बंद हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ से कहा कि नायडू आधिकारिक स्थिति में थे और उनके स्तर पर फैसले किये गये जिसके कारण राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।
रोहतगी ने लगातार चौथे दिन सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘वह नियंत्रण की भूमिका में थे क्योंकि जब कथित अपराध हुआ था तब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे। वह शीर्ष पद पर थे। अगर प्राथमिकी रद्द करने की उनकी कोशिश सफल हो जाती है, तो जांच शुरू में ही खत्म हो जाएगी।’’
शीर्ष अदालत कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नायडू के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही है।
रोहतगी ने कथित घोटाले का ब्योरा देते हुए कहा कि सरकार ने राज्य में युवाओं को कौशल प्रदान करने की योजना बनाई थी और उसके लिए वहां कौशल विकास केंद्र बनाने के लिए बिना किसी निविदा के दो कंपनियों को चुना गया था।
भाषा
वैभव माधव
माधव

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