गुवाहाटी, 26 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने शनिवार को दावा किया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले असम में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी और मतदाता सूची से 30-40 लाख नाम हटा दिए जाएंगे।
उन्होंने देश में ‘अवैध बांग्लादेशियों’ पर हाल ही में की गई कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह कार्रवाई भाषा के आधार पर की जा रही है और बंगालियों को निशाना बनाया जा रहा है।
देव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एसआईआर के माध्यम से बिहार में जो हो रहा है, निर्वाचन आयोग उसे असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और सभी राज्यों में दोहराएगा। विपक्ष हर दिन संसद में इस मुद्दे को उठा रहा है क्योंकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इस पर बहस की अनुमति देने से इनकार कर रही है।’
एसआईआर को ‘असंवैधानिक और अवैध’ बताते हुए देव ने कहा कि चुनाव आयोग को किसी व्यक्ति की नागरिकता निर्धारित करने का अधिकार नहीं है।
असम से पूर्व लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग मुझसे मेरी नागरिकता के बारे में सवाल नहीं कर सकता। यह गृह मंत्रालय का काम और अधिकार क्षेत्र है।’
बिहार में एसआईआर के जरिए मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए जाने का दावा करते हुए देव ने कहा, ‘जब असम में एसआईआर लागू होगी तो 30-40 लाख लोगों के नाम कट जाएंगे। भाजपा से सावधान रहें।’
भाषा
शुभम संतोष
संतोष