जयपुर, 25 दिसंबर(भाषा) राजस्थान में सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों द्वारा जारी की जाने वाली डिग्री, डिप्लोमा, मार्कशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट आदि दस्तावेजों पर अनिवार्य रूप से ‘क्यूआर कोड’ अंकित किया जाएगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, फर्जी डिग्री और दस्तावेज के जरिये नौकरी पाने वालों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि भर्ती प्रक्रियाओं के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज सामने आते हैं जिनकी जांच में लंबा समय लगता है। इसके निवारण एवं दस्तावेज की पुष्टि के लिए विश्वविद्यालयों की ओर से जारी डिग्री व अन्य दस्तावेज में विभिन्न परिवर्तन के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग ने राज्य सरकार को सुझाव दिए थे।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने तीन सितंबर को तथा उच्च शिक्षा विभाग ने 26 सितंबर को राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में निर्देश दिए थे।
आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, इन परिवर्तनों से भर्ती संस्थान अब एक क्लिक में ही अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की पुष्टि संबंधित विश्वविद्यालय के मूल रिकॉर्ड से सीधे कर सकेंगे। इससे भर्ती प्रक्रिया में तेजी के साथ ही दस्तावेज में किसी भी प्रकार की विसंगति को तुरंत पकड़ा जा सकेगा।
आयोग के सचिव रामनिवास मेहता ने बताया, “भर्ती परीक्षाओं के बाद दस्तावेज सत्यापन के समय कुछ अभ्यर्थी फर्जी डिग्रियां पेश करने का आपराधिक कृत्य करते पाए गए हैं। नई व्यवस्था से न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि दस्तावेज की प्रमाणिकता डिजिटली सत्यापित होने से भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।”
भाषा बाकोलिया पृथ्वी नोमान
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