नारायणसामी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर बेदी पर ‘तुगलकी दरबार’ चलाने का आरोप लगाया
नारायणसामी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर बेदी पर 'तुगलकी दरबार' चलाने का आरोप लगाया
नयी दिल्ली/पुडुचेरी, 10 फरवरी (भाषा) उपराज्यपाल किरण बेदी के साथ अपनी लड़ाई को भारत के राष्ट्रपति के पास लेकर गए पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने बुधवार को रामनाथ कोविंद से पूर्व आईपीएस अधिकारी को वापस बुलाने का आग्रह किया और कहा कि वह ‘तुगलकी दरबार’ चला रही हैं।
दिल्ली में राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में नारायणसामी ने आरोप लगाया, ” फ्रांसीसी शासन में भी हमारे साथ इस तरह का बुरा बर्ताव नहीं किया गया था।”
उन्होंने शिकायत की कि बेदी ‘निरंकुश’ हैं और प्रशासन में ‘हस्तक्षेप’ करती हैं। साथ में चुनी हुई सरकार के विभिन्न प्रस्तावों को ‘रोका’ हुआ है।
राष्ट्रपति के साथ उनकी मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली।
दिल्ली से पीटीआई-भाषा से फोन पर बातचीत करते हुए नारायणसामी ने कहा कि उन्होंने एक ज्ञापन दिया है, जिसमें उन कई योजनाओं का जिक्र है जिन्हें बेदी ने कथित रूप से रोका हुआ है।
मुख्यमंत्री के साथ पुडुचेरी से एकमात्र लोकसभा सदस्य वी वैथिलिंगम और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य एम कांडेसामी और एम कृष्ण राव भी थे।
पुडुचेरी में मीडिया को उपलब्ध कराए गए ज्ञापन में नारायणसामी ने राष्ट्रपति से कहा, ” डॉ किरण बेदी अलोकतांत्रिक तरीके से और कानून के शासन का उल्लंघन करके तुगलकी दरबार चला रही हैं।”
उन पर एक ‘निरंकुश’ की तरह काम करने का इल्जाम लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रशासन में, वित्तीय मामलों में और नीतिगत मामलों में एकतरफा फैसले कर रही हैं जो पुडुचेरी के कार्य नियम 1963 और संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बेदी लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक संस्थान को ‘ दफन’ कर रही हैं और वह लोकतंत्र के लिए ‘ खतरा’ हैं।
नारायणसामी ने कहा, ” फ्रांसीसी शासन में भी हमसे इस तरह का बुरा बर्ताव नहीं किया गया। वे लोगों का सम्मान करते थे और कभी हमसे गुलामों जैसा बर्ताव नहीं किया गया। इसलिए (रबींद्रनाथ) टैगोर, सुब्रमण्यम भारती जैसे वरिष्ठ भारतीय स्वतंत्रता सैनानी भारत के अन्य हिस्सों में कायम ब्रिटिश शासन से प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए पुडुचेरी आए थे।”
उन्होंने कोविंद से कहा कि पुडुचेरी में जो हो रहा है, वह लोकतंत्र की ‘बर्बर हत्या ‘ है और ” संविधान के संरक्षक होने के नाते हम आपसे विनम्र आग्रह करते हैं कि मुद्दे में दखल दें और उपराज्यपाल के पद से डॉ किरण बेदी को हटाकर लोकतंत्र, संघीय व्यवस्था तथा पुडुचेरी के लोगों को बचाएं।”
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में कांग्रेस नीत धर्मनिरपेक्ष प्रजातांत्रिक गठबंधन द्वारा केंद्र से बेदी को हटाने के अनुरोध को लेकर जनता के हस्ताक्षरों वाला पत्र भी राष्ट्रपति को सौंपा गया।
उन्होंने कहा कि वह निशुल्क चावल योजना समेत कई योजनाओं को लागू करने के मामले में उपराज्यपाल द्वारा ‘हस्तक्षेप’ को राष्ट्रपति के संज्ञान में लेकर आए हैं।
नारायणसामी ने कहा कि उपराज्यपाल ने सरकारी एएफटी मिल, स्वदेशी कॉटन मिल्स और भारती मिल को बंद करने के लिए ‘मनमाना’ आदेश जारी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल ने (शराब पर लगाए गए) कोविड कर को कम करने से मना कर दिया। सरकार को लगा कि कर घटाने की जरूरत है क्योंकि पुडुचेरी में महामारी की स्थिति कम हुई है।
नारायणसामी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को यह भी बताया कि राजनिवास के 500 मीटर के दायरे में लगातार बैरिकेड लगाए जाने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी मई 2016 में जब से केंद्र शासित प्रदेश की उपराज्यपाल बनी हैं तब से उनके और नारायणसामी के बीच कई मुद्दों पर विवाद चलता आ रहा है।
भाषा
नोमान नरेश
नरेश

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