दो महीने बंद रहा राष्ट्रीय प्राणी उद्यान फिर से आगंतुकों के लिए खुला

दो महीने बंद रहा राष्ट्रीय प्राणी उद्यान फिर से आगंतुकों के लिए खुला

दो महीने बंद रहा राष्ट्रीय प्राणी उद्यान फिर से आगंतुकों के लिए खुला
Modified Date: November 8, 2025 / 04:24 pm IST
Published Date: November 8, 2025 4:24 pm IST

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) दिल्ली में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान दो महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद शनिवार को फिर से आगंतुकों के लिए खोल दिया गया है। एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का पता चलने के बाद उद्यान को बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

जलपक्षियों के बाड़े में कई पक्षियों की मौत की मौत के बाद एहतियात के तौर पर चिड़ियाघर को 30 अगस्त से बंद कर दिया गया था।

चिड़ियाघर ने एक बयान में कहा, ‘सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय प्राणी उद्यान को आठ नवंबर से आगंतुकों के लिए फिर से खोल दिया गया है।’

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बयान में यह भी कहा गया कि सख्त जैव-सुरक्षा और निवारक उपाय जारी रहेंगे।

अधिकारियों ने कड़ी सफाई, निगरानी और कई दौर के परीक्षण किए, जो पशुधन, मत्स्य और दुग्ध मंत्रालय द्वारा जारी “एवियन इन्फ्लूएंजा की तैयारी, नियंत्रण और संगरोध हेतु कार्ययोजना (संशोधित 2021)” के तहत किये गए।

शुरुआती प्रकोप के बाद एकत्र किए गए नमूनों का परीक्षण भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में किया गया। परीक्षण में नमूनों के संक्रमण रहित पाए जाने के बाद चिड़ियाघर को फिर से खोलने का रास्ता साफ हो गया है।

अधिकारियों ने बताया कि ‘एच5एन1’ एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित आखिरी मामला एक सितंबर को सामने आया था।

तब से पक्षियों के बाड़ों और विभिन्न पिंजरों/बाड़ों से बिना बारी के नमूने लिए गए और और अब तक इन सभी की जांच नकारात्मक आई।

चिड़ियाघर में 28 से 31 अगस्त के बीच कम से कम 12 पक्षियों की मौत दर्ज की गई थी। जिनमें रंगबिरंगे सारस और ब्लैक-हेडेड आइबिस (काले गर्दन और सर वाला सफेद पक्षी) शामिल थे। इनमें से चार नमूनों में बर्ड फ्लू से संक्रमित पाए गए थे। इसके कारण उद्यान को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।

हाल के वर्षों में एवियन इन्फ्लूएंजा के कारण दिल्ली चिड़ियाघर को तीसरी बार बंद किया गया। इससे पहले 2016 और 2021 में भी इसी तरह बंद किया गया था।

यह चिड़ियाघर 1959 में स्थापित किया गया था जो राजधानी के केंद्र में 176 एकड़ में फैला हुआ है जिसमें पशुओं, पक्षियों और सरीसृपों की 96 प्रजातियां हैं।

भाषा प्रचेता पवनेश

पवनेश


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