नए संसद के समर्थन में कांग्रेस नेता? पूछा ‘इसका उद्घाटन भारत नहीं तो क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे?’

Naye Sansad bhavan ka Virodh कांग्रेस नेता? पूछा 'नए संसद का उद्घाटन भारत नहीं तो क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे?'

नए संसद के समर्थन में कांग्रेस नेता? पूछा ‘इसका उद्घाटन भारत नहीं तो क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे?’

Parliament special session

Modified Date: May 25, 2023 / 08:59 am IST
Published Date: May 25, 2023 8:58 am IST

नई दिल्ली : 28 मई को देश के लोकतान्त्रिक व्यवस्था में एक नया आयाम जुड़ जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री भारत के नए संसद भवन सेन्ट्रल विस्टा का उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल थी। दो साल पहले उन्होंने इस नए संसद भवन का शिलान्यास किया था। (Naye Sansad bhavan ka Virodh) इसके बाद से वे अक्सर इस भवन के निर्माण का जायजा लेने खुद ही स्थल का दौरा करते थे।

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हालाँकि नए संसद का उद्घाटन विवादों में घिर गया हैं। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे लेकिन कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी दलों की मांग हैं की नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथो कराया जाएँ। विपक्ष की दलील हैं की संसद संविधान का मंदिर हैं लिहाजा देश की सबसे बड़े संवैधानिक संस्था यानि राष्ट्रपति इसका अनावरण करें। इतना ही नहीं बल्कि खबर है की दो दर्जन से ज्यादा पार्टियों ने नए भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का भी एलान कर दिया हैं। इनमे कांग्रेस समेत, ममता बनर्जी की टीएमसी, राजद, जदयू और आम आदमी जैसी पार्टियां शामिल हैं।

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Parliament Building Inauguration

वही दूसरी तरफ कांग्रेस के एक नेता ने इस विरोध के उलट संसद का प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किये जाने का समर्थन करके अपनी पार्टी से उलट विचार रखे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह बयान दिया हैं। उन्होंने कहा हैं की भारत की संसद भारत की धरोहर है, भाजपा की नहीं.. देश की संसद का उद्घाटन हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा? (Naye Sansad bhavan ka Virodh) संसद, राष्ट्रपति भवन ये इस तरह की इमारतें हैं जो किसी पार्टी की नहीं होती हैं। ये देश की होती हैं। हम प्रधानमंत्री की नीतियों का विरोध करें, हमें करना चाहिए, हम हर जगह करेंगे। लेकिन देश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमें मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का विरोध करना ठीक नहीं है।”

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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी दलों से कहा, मैं सभी दलों से अपील करता हूं कि वो अपने फैसले पर फिर से विचार करें। मोदी का विरोध करो, देश का विरोध करना ठीक नहीं है। देश की संसद पूरे देश की है, किसी एक पार्टी की नहीं है। भारत की संसद को भाजपा का समझना गलत है। इसीलिए मेरा निवेदन है कि तमाम विपक्ष ओवैसी के रास्ते पर न चले।

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लेखक के बारे में

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