एनसीआरटीसी भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन में पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली स्थापित कर रहा

एनसीआरटीसी भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन में पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली स्थापित कर रहा

एनसीआरटीसी भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन में पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली स्थापित कर रहा
Modified Date: August 8, 2024 / 04:32 pm IST
Published Date: August 8, 2024 4:32 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) अपने भूमिगत स्टेशन में तापमान नियमन और ताजी हवा के प्रवाह के लिए आरआरटीएस कॉरिडोर पर पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली स्थापित कर रहा है।

एनसीआरटीसी ने कहा कि यह प्रणाली दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के चार भूमिगत स्टेशन की शीतलन और वेंटिलेशन आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

एनसीआरटीसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि ये स्टेशन-दिल्ली में आनंद विहार और उत्तर प्रदेश के मेरठ में-मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल, आठ से 23 मीटर की गहराई पर बनाए जा रहे हैं।

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बयान में कहा गया, ‘‘इस पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली (ईसीएस) में अत्याधुनिक, ऊर्जा-कुशल एयर हैंडलिंग यूनिट (एएचयू) शामिल हैं, जिन्हें उच्च वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।’’

एनसीआरटीसी ने कहा कि इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित मोटर शामिल हैं, जो ऊर्जा की क्षति को न्यूनतम करती हैं और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करती हैं, जिससे समग्र ऊर्जा दक्षता में वृद्धि होती है।

एनसीआरटीसी ने कहा कि स्टेशन के भीतर नमी के स्तर को भी बनाए रखने की प्रणाली लगाई जाएगी जिससे यात्रियों के लिए आरामदायक माहौल सुनिश्चित होगा। कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के स्तर की निगरानी के लिए स्टेशन के सार्वजनिक क्षेत्रों में सेंसर लगाए गए हैं।

वर्तमान में, भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का साहिबाबाद और मोदीनगर उत्तर के बीच 34 किलोमीटर लंबा खंड चालू है। इस खंड में आठ एलिवेटेड स्टेशन हैं।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश


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