NDA-UPA किसकी सरकार में हुए सबसे ज्यादा रेल हादसे? आंकड़े देख चौंक जाएंगे आप भी..देखें ये रिपोर्ट
Whose government has the most rail accidents? : आज हम आपको बताएंगे कि किस सरकार में कितनी रेल दुर्घटनाएं हुई हैं।
NDA-UPA : Whose government has the most rail accidents?
नई दिल्ली। Train Accidents Report in India : देश में ट्रेन हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को यूपी के गोंडा जिले में बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। चंडीगढ़ से असम जा रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस रेल हादसे में अबतक 4 यात्रियों की मौत हुई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इससे पहले भी कई जगहों पर बड़े रेल हादसे हो चुके हैं। अगर हम साल 2014 से यानि की जब से मोदी सरकार बनी है तब से लेकर रेल हादसों के कुछ आंकड़े रखें तो वह सच में चौंकाने वाले हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किस सरकार में कितनी रेल दुर्घटनाएं हुई हैं।
Train Accidents Report in India : साल 2014 से लेकर अब 641 ट्रेन हादसे हो चुके हैं। तो वहीं सरकार का दावा है कि 2004 से 2014 के बीच हर साल औसतन 171 रेल हादसे होते थे। जबकि 2014 से 2023 के बीच सालानाऔसतन 71 रेल हादसे हुए है। इसी तरह 2004 से 2014 के बीच सालाना औसतन 86.7 घटनाएं ट्रेन के बेपटरी होने की सामने आई थी, जो 2014 से 2023 के बीच घटकर 47.3 हो गई है।
UPA-NDA सरकार में रेल हादसों के आंकड़े
आंकड़ो के अनुसार यूपीए सरकार के 10 साल में 1,711 रेल हादसे हुए थे। जबकि एनडीए के मोदी सरकार में 2014 से मार्च 2023 के बीच 638 हादसे हुए हैं, वहीं 2024 में तीन बड़े रेल हादसे हुए हैं। यूपीए सरकार में 867 मामले ट्रेन से पटरी के उतरने के सामने आए थे। जबकि एनडीए सरकार में 426 मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक यूपीए सरकार में रेल हादसों में 2,453 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 4,486 लोग घायल हुए थे। वहीं, एनडीए सरकार में 781 मौतें और 1,543 लोग घायल हुए हैं।
भारतीय रेलवे की सुरक्षा में खर्चे का आंकड़ा
रेल हादसे के आंकड़ों के बाद अब सवाल ये है कि रेलवे की सुरक्षा पर सरकार कितना खर्च कर रही है। बता दें कि मोदी सरकार में रेलवे के लिए 1,78,012 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसका मतलब हर साल औसतन 17,801 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जो 2014 से पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है। 2004 से 2014 के बीच रेलवे के लिए 70,273 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। वहीं पटरियों के सुधार और मरम्मत पर वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2023 के बीच हर साल औसतन 10,201 करोड़ रुपये का खर्चा किया गया है। जबकि वित्त वर्ष 2005 से वित्त वर्ष 2014 के बीच हर साल औसतन 4,702 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
बता दें कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत में रेलवे को लाइफलाइन कहा जाता है। यहां हर दिन ढाई करोड़ से ज्यादा यात्री ट्रेन से सफर करते हैं। इतना ही नहीं 28 लाख टन से ज्यादा की माल ढुलाई भी होती है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा सबसे लंबा रेल नेटवर्क भारत का ही है।

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