चीन के खिलाफ अकेले खड़े होने का दम रखता है भारत, यूरोपीय थिंक टैंक का दावा

चीन के खिलाफ अकेले खड़े होने का दम रखता है भारत, यूरोपीय थिंक टैंक का दावा

चीन के खिलाफ अकेले खड़े होने का दम रखता है भारत, यूरोपीय थिंक टैंक का दावा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: August 8, 2020 9:29 am IST

नईदिल्ली। गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प के बाद भारत ने भविष्य में किसी सीमा विवाद के दौरान चीन के खिलाफ अकेले खड़े होने का विश्वास दिखाया है। भले ही अमेरिका ने बीजिंग के खिलाफ ‘क्वॉड अलायंस’ बनाने का ऑफर दिया है, लेकिन भारत के अकेले तन जाने से ड्रैगन भी हैरान है। एक यूरोपीय थिंक टैंक ने यह बात कही है।

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पूर्वी लद्दाख में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसके कुछ अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं और दोनों देशों की सेनाएं कुछ विवादित जगहों से पीछे हटी हैं, लेकिन चीनी सैनिक देपसांग, गोरा, फिंगर इलाकों में टिकी हुई हैं।

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यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) ने एक समीक्षा में कहा, ”पैंगोंग त्सो में डिसइंगेजमेंट की शुरुआती प्रक्रिया में चाइनीज फिंगर 2 से फिंगर 5 इलाकों में पीछे हटे, लेकिन रिज लाइन पर तैनाती बनी रही। भारत जोर दे रहा है कि चीनी सैनिक फिंगर 5 से फिंगर 8 तक से हटें। भारत ने चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने तक अग्रिम इलाकों से हटने पर विचार से इनकार कर दिया है।”

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थिंक टैंक ने कहा, ”2017 में डोकलाम की तरह, ड्रैगन की आक्रामकता के खिलाफ भारतीय राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की ओर से दिखाए गए दृढ़ता और संकल्प ने चीन को हैरान कर दिया है।” भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए EFSAS ने कहा कि जब तक सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बीतचीत के जरिए सहमति नहीं बन जाती, तनातनी लंबे समय तक रह सकती है। दूसरे शब्दों में, बेहद कठिन मौसम के बावजूद दोनों देश सर्दी में भी टिकने की तैयारी में हैं।

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EFSAS ने कहा कि भारत ने सियाचिन ग्लेशियर की तरह यहां बड़े पैमाने पर सैन्य सामान और रसद एकत्रित कर लिया है। भारत की ओर से तैयारी से पता चलता है कि भारत सीमा पर किसी गंभीर टकराव का मुकाबला करने के लिए काफी मजबूत है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com