पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत: चिराग पासवान

पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत: चिराग पासवान

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Modified Date: May 1, 2025 / 01:43 PM IST
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Published Date: May 1, 2025 1:43 pm IST

नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा)-रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान ने अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले के लिए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और कहा कि समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए यह कदम जरूरी था।

चिराग ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा लिया गया निर्णय भीमराव आंबेडकर के सपनों को पूरा करेगा।

चिराग ने जाति जनगणना का श्रेय लेने की कोशिश करने के लिए कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना की।

लोजपा (रामविलास) नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल श्रेय लेने के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रहे हैं जबकि उन्होंने सत्ता में रहते हुए कुछ नहीं किया।

लोजपा (रामविलास), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन का हिस्सा है।

मंत्री ने कहा, “कल (बुधवार को) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया। यह समय की मांग थी।”

चिराग पासवान ने कहा कि इससे समाज के उन वर्गों को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी, जिन्हें सरकारी योजनाओं या आरक्षण नीति का कोई लाभ नहीं मिल रहा था।

उन्होंने कहा कि यह निर्णय सामाजिक न्याय को और मजबूत करेगा।

चिराग पासवान ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र के फैसले का श्रेय लेना शुरू कर दिया, जबकि उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे को केवल वोट के लिए लोगों को गुमराह करने के ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में इस्तेमाल किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की पार्टी आजादी के बाद कई दशकों तक केंद्र में सत्ता में रही, लेकिन उसने जाति जनगणना नहीं कराई।

चिराग ने कहा, “केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही ऐसा करने की इच्छा रखते हैं।”

उन्होंने कांग्रेस शासित कर्नाटक और तेलंगाना में कराए गए जाति सर्वेक्षणों को अपारदर्शी और राजनीति से प्रेरित बताया।

चिराग ने विपक्ष के उस आरोप को खारिज कर दिया, जिसमें मोदी सरकार पर, खासकर बिहार में चुनाव को ध्यान में रखते हुए अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का फैसला करने का आरोप लगाया गया था।

पासवान ने कहा, “अगर ऐसा होता तो हम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह काम कर लेते।”

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश

 

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