आदिवासियों की प्रकृति पोषण परंपराओं से सीखने की जरूरत: मिश्र

आदिवासियों की प्रकृति पोषण परंपराओं से सीखने की जरूरत: मिश्र

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  • Publish Date - January 29, 2024 / 05:01 PM IST,
    Updated On - January 29, 2024 / 05:01 PM IST

जयपुर, 29 जनवरी (भाषा) राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक समाज है और उनकी प्रकृति पोषण परंपराओं से सीख लेने की जरूरत है।

मिश्र नेहरू युवा केन्द्र की ओर से केंद्र सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय के सहयोग से राजभवन में आयोजित 15वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विविधता में एकता की भारत भूमि को समझने और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना से साक्षात होने का अवसर है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए युवाओं का राजभवन स्वागत करते हुए उनसे अपनी ऊर्जा का उपयोग राष्ट्र के विकास में करने का आह्वान किया।

मिश्र ने कहा, ‘‘आदिवासी क्षेत्रों में जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए अपनी-अपनी विशिष्ट परंपराएं हैं। आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत इन परंपराओं के संरक्षण का कार्य होना चाहिए।’’

इससे पहले गढ़चिरौली, महाराष्ट्र, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम के आदिवासी युवाओं ने जनजातीय क्षेत्र की नृत्य और संगीत की मनोहारी प्रस्तुतियां दीं।

नेहरू युवा केन्द्र संगठन के राज्य निदेशक हेन्द्र सिंह सिसोदिया ने आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत शिविर आयोजन के उद्देश्यों और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

भाषा पृथ्वी कुंज खारी

खारी