नये ‘जल निकासी मास्टर प्लान’ का लक्ष्य अगले 30 साल के लिए दिल्ली में शहरी बाढ़ का समाधान करना

नये ‘जल निकासी मास्टर प्लान' का लक्ष्य अगले 30 साल के लिए दिल्ली में शहरी बाढ़ का समाधान करना

नये ‘जल निकासी मास्टर प्लान’ का लक्ष्य अगले 30 साल के लिए दिल्ली में शहरी बाढ़ का समाधान करना
Modified Date: August 13, 2025 / 07:17 pm IST
Published Date: August 13, 2025 7:17 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की अगले 30 वर्षों की जल निकासी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किये गये ‘जल निकासी मास्टर प्लान’ के मसौदा का लक्ष्य तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बार-बार होने वाली जलभराव की समस्याओं के बीच वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की जरूरतों का समाधान करना है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय राजधानी में शहरी बाढ़ और जलभराव की लगातार समस्या के समाधान के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार को मसौदा योजना सौंपी।

पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमें सभी सलाहकारों से व्यापक रिपोर्ट मिल गई है और हमने मास्टर प्लान का संकलित मसौदा सरकार को सौंप दिया है। अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सभी संबंधित निकायों से प्राप्त प्रतिक्रिया को एकीकृत करने के बाद तैयार की जाएगी।’’

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अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित योजना की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए कम से कम तीन उच्च-स्तरीय प्रस्तुतियां दी गईं तथा वर्तमान में अंतर-विभागीय परामर्श चल रहा है।

दिल्ली के लिए इससे पहले व्यापक जल निकासी मास्टर प्लान 1976 में तैयार किया गया था।

अधिकारियों का कहना है शहरीकरण तेजी से बढ़ने के कारण एक नयी रणनीति की जरूरत है।

लोक निर्माण विभाग ने शहर को तीन बेसिन- नजफगढ़, बारापुला और ट्रांस-यमुना बेसिन- में विभाजित किया है और जल निकासी नेटवर्क को फिर से तैयार करने के लिए सलाहकारों को नियुक्त किया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘विशेष सलाहकारों ने जल निकासी दक्षता में सुधार के लिए ढलानों, गड्ढों और मौजूदा पुराने व अपर्याप्त बुनियादी ढांचे जैसे कारकों का विश्लेषण किया है। योजना में कुछ खामियां हैं, जिन्हें अन्य नगर निकायों ने भी उजागर किया है। उनका अध्ययन किया जा रहा है।’’

राष्ट्रीय राजधानी में आठ विभिन्न निकायों और विभागों के अधिकार क्षेत्र में लगभग 3740.31 किलोमीटर लंबा जल निकासी नेटवर्क है।

अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद, एजेंसी जमीनी स्तर पर काम करने के लिए निजी कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

भाषा सुभाष सुरेश

सुरेश


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