एनजीटी ने जिंदल शॉ लिमिटेड को चार करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर जमा करने का निर्देश दिया

एनजीटी ने जिंदल शॉ लिमिटेड को चार करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर जमा करने का निर्देश दिया

एनजीटी ने जिंदल शॉ लिमिटेड को चार करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर जमा करने का निर्देश दिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: July 4, 2021 9:44 am IST

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने जिंदल शॉ लिमिटेड को चार करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर जमा कराने का निर्देश दिया है क्योंकि इसके द्वारा किए गए अवैध विस्फोट के कारण राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के पुर गांव में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने जिंदल शॉ लिमिटेड के अवैध विस्फोट और खनन के खिलाफ उपचारात्मक कार्रवाई पर विचार करने का आदेश दिया। अवैध विस्फोट के कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

इसने कहा कि घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और कुछ घरों में भूमिगत टैंक से पानी लीक हो रहा है। पीठ ने कहा, ‘‘राज्य पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) की 19 अगस्त 2019 की रिपोर्ट में जिन 375 प्रभावित लोगों का जिक्र है, उन्हें औसतन एक लाख रुपये मुआवजे का हम आकलन करते हैं।’’

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इसने कहा, ‘‘अगर पीड़ितों का ज्यादा मुआवजे का दावा है तो वे इसके लिए आवेदन करने की खातिर स्वतंत्र हैं। मेसर्स जिंदल शॉ लिमिटेड भीलवाड़ा, राजस्थान को निर्देश दिया जाता है कि भीलवाड़ा के जिलाधिकारी के पास चार करोड़ रुपये की राशि एक महीने के अंदर जमा कराएं ताकि पीड़ितों के बीच मुआवजा बांटा जा सके और पर्यावरण को हुई क्षति को दुरूस्त करने की दिशा में काम किया जा सके।’’

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा कि कंपनी को भविष्य में एहतियात बरतनी चाहिए और विस्फोट कुशल तरीके से किया जाना चाहिए ताकि इससे लोगों की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचे। हरित पैनल ने राजस्थान राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण से भी कहा कि यह सुनिश्चित करने में सहयोग करें कि वास्तविक पीड़ितों को राशि का भुगतान किया जाए।

पीठ ने कहा कि चार करोड़ की राशि में से जितनी राशि का भुगतान नहीं होता है, उसे क्षेत्र में पारिस्थितिकी को दुरूस्त करने में खर्च किया जा सकता है।

भाषा नीरज नीरज दिलीप

दिलीप


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