श्रीनगर, 16 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे दूध गंगा और मामथ कुल नदियों में अनुपचारित अपशिष्ट बहाए जाने के लिए 35 करोड़ रुपये का मुआवजा दे।
एनजीटी ने कहा है कि कचरा प्रबंधन के साथ-साथ अवैध खनन को नियंत्रित करने में प्रशासन की ओर से ‘‘गंभीर खामियां’’ रही हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट के आवेदन पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा, ‘‘… अपशिष्ट प्रबंधन और अवैध खनन को नियंत्रित करने में प्रशासन की ओर से गंभीर चूक रही है, जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को भारी नुकसान हुआ है।’’
एनजीटी ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को चूक के लिए 35 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
भाषा
शफीक नरेश
नरेश