एनजीटी ने खनन पट्टों पर पर्यावरण मंजूरी से छूट देने वाली अधिसचूना पर जवाब मांगा

एनजीटी ने खनन पट्टों पर पर्यावरण मंजूरी से छूट देने वाली अधिसचूना पर जवाब मांगा

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  • Publish Date - September 9, 2020 / 11:14 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उस याचिका पर पर्यावरण मंत्रालय को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें खनन पट्टों को दो साल के लिए पर्यावरण मंजूरी लेने से छूट देने वाली अधिसूचना को चुनौती दी गई है।

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आर्दश कुमार गोयल और न्यायमूर्ति एसपी वांगडी ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को कहा कि वह एक महीने के अंदर अपना जवाब ईमेल के जरिए दे।

अधिकरण केरल के कार्यकर्ता नोबल एम पायकाडा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में 28 मार्च की अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें पर्यावरण को प्रभावित करने वाली परियोजना शुरू करने से पहले पर्यावरण मंजूरी देने को जरूरी बताने वाले 2006 के नियमों में बदलाव किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि यह संशोधन खनन पट्टों को दो साल के लिए पर्यावरण मंजूरी लेने की जरूरत से छूट देते हैं। इसके अलावा सड़क, पाइपलाइन जैसी परियोजनाओं के लिए जमीन खोदने के वास्ते भी पर्यावारण मंजूरी से छूट देते हैं।

आवेदक के वकील ने दलील दी कि खनन पट्टों के लिए पर्यावरण मंजूरी लेने का नियम उच्चतम न्यायालय ने तय किया है और इससे छूट नहीं दी जा सकती है।

भाषा

नोमान माधव

माधव