एनआईए ने सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश में शामिल दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

एनआईए ने सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश में शामिल दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

  •  
  • Publish Date - June 1, 2025 / 12:39 AM IST,
    Updated On - June 1, 2025 / 12:39 AM IST

नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) समूह द्वारा झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश के तहत हथियार और गोला-बारूद जब्त करने से संबंधित 2022 के मामले में दो और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

एनआईए द्वारा झारखंड के रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जाने के साथ ही मामले में अब तक कुल 25 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं।

एनआईए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को रांची की एक विशेष अदालत में दाखिल आरोपपत्र में दोनों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

बयान में कहा गया है कि एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने फरवरी 2022 में झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ता अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बॉक्साइट खदान क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश के लिए वहां एकत्र हुए थे।

बयान में कहा गया है कि संगठन के क्षेत्रीय कमांडर रविन्द्र गंझू के नेतृत्व में नक्सली वहां जुटे थे, जिसमें सक्रिय कार्यकर्ता बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। बहाबर जंगल की ओर जाते समय सुरक्षा बलों पर हरकट्टा टोली और बांग्ला पाट में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ताओं द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की गई।

बयान में कहा गया है कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की गहन तलाशी ली और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया।

बयान में कहा गया है कि झारखंड पुलिस ने मामले में शुरुआत में नौ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। इसके बाद, अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच एनआईए ने 23 लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोपपत्र दाखिल किए।

बयान में कहा गया है कि एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि साजिश का मकसद देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा पहुंचाने तथा सरकार को अस्थिर करने के लिए उग्रवादी और हिंसक गतिविधियां तथा सशस्त्र विद्रोह करना था।

भाषा आशीष सुभाष

सुभाष