अविश्वास प्रस्ताव: कर्नाटक विधान परिषद के सभापति ने कहा, नियमों के अनुसार आगे बढ़ेंगे

अविश्वास प्रस्ताव: कर्नाटक विधान परिषद के सभापति ने कहा, नियमों के अनुसार आगे बढ़ेंगे

अविश्वास प्रस्ताव: कर्नाटक विधान परिषद के सभापति ने कहा, नियमों के अनुसार आगे बढ़ेंगे
Modified Date: December 8, 2025 / 08:52 pm IST
Published Date: December 8, 2025 8:52 pm IST

बेलगावी, आठ दिसंबर (भाषा) कर्नाटक विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाने की अटकलों के बीच सोमवार को कहा कि वह सदन के फैसले का पालन करेंगे और मामले से संबंधित नियमों के अनुसार कदम उठाएंगे।

होरट्टी ने स्पष्ट किया कि 2022 में विधान परिषद का सभापति चुने जाते ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि उसका अपना सदस्य ही सभापति बने, क्योंकि विधानमंडल के ऊपरी सदन में संख्या बल उसके पक्ष में है।

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कर्नाटक की 75 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 37-37 सदस्य हैं। वहीं, लखन जारकीहोली विधान परिषद के निर्दलीय सदस्य हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे कांग्रेस की ओर झुकाव रखते हैं।

बेलगावी में संवाददाताओं से बातचीत में होरट्टी ने कहा, “बहुमत का समर्थन है या नहीं, यह मामला सरकार और सदन पर छोड़ दिया गया है। यह मुझसे संबंधित नहीं है। सदन में जो निर्णय होता है वह अंतिम होता है, क्योंकि सदन सर्वोच्च है। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। मुझे सदन के फैसले का पालन करना होगा। मैं इसका पालन करूंगा।”

उन्होंने कहा, “अगर मामला चर्चा के लिए आता है, तो इसके लिए नियम हैं – चर्चा करनी है या नहीं। मैं उन नियमों का पालन करूंगा।”

होरट्टी ने कहा कि मामले पर सदन को निर्णय लेना है और वह इस पर कुछ नहीं कह सकते।

उन्होंने कहा, “यह मामला जिन नियमों के अंतर्गत आता है, उसके आधार पर मुझे नियमों और सदन के निर्णय के आगे झुकना होगा। मैं ऐसा करूंगा।”

इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विधान परिषद के सभापति सोमवार को बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए।

कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य नागराज यादव ने होरट्टी पर पक्षपातपूर्ण आचरण और विधान परिषद सचिवालय में सीधी भर्ती में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता का आरोप लगाया है।

यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा-जद (एस) और कांग्रेस का संख्या बल समान है और सदन में एक निर्दलीय सदस्य है, जो मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का करीबी है। उन्होंने कहा, “इस लिहाज से हमारे पास बहुमत है।”

हालांकि, होरट्टी ने विधान परिषद सचिवालय में सीधी भर्ती के संबंध में अनियमितताओं के यादव के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अगर यह आरोप साबित हो जाता है तो वह एक मिनट के लिए भी आसन पर नहीं बैठेंगे।

होरट्टी ने कहा, “इन पदों पर भर्ती कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) के माध्यम से परीक्षा और मेधा सूची के आधार पर की गई थी।”

पक्षपातपूर्ण आचरण के आरोपों पर होरट्टी ने कहा कि भले ही वह भाजपा से निर्वाचित हुए थे, लेकिन सभापति के रूप में चुने जाने के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

भाषा पारुल संतोष

संतोष


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