कर्नाटक में कोई विकास नहीं, भ्रष्टाचार चरम पर है: भाजपा नेता विजयेंद्र का आरोप

कर्नाटक में कोई विकास नहीं, भ्रष्टाचार चरम पर है: भाजपा नेता विजयेंद्र का आरोप

कर्नाटक में कोई विकास नहीं, भ्रष्टाचार चरम पर है: भाजपा नेता विजयेंद्र का आरोप
Modified Date: December 27, 2025 / 08:25 pm IST
Published Date: December 27, 2025 8:25 pm IST

बेंगलुरु, 27 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने सिद्धरमैया-नीत राज्य सरकार पर शनिवार को निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में विकास पूरी तरह से शून्य रहा है, जबकि भ्रष्टाचार चरम पर है।

विजयेंद्र ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार और उसकी ‘विफलताओं’ को ‘उजागर’ करना जारी रखेगी।

उन्होंने कई मुद्दों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार कई मोर्चों पर विफल रही है, चाहे वह धर्मशाला मुद्दा हो, नफरती भाषण विधेयक हो, चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ की घटना हो, शराब नीति हो या भ्रष्टाचार से संबंधी मामले हों।

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विजयेंद्र ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सरफराज खान के पास 14.5 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है, जो आवास मंत्री जमीर अहमद खान के करीबी माने जाते हैं और कर्नाटक आवास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं।

उन्होंने कथित एसटी विकास घोटाले का भी जिक्र किया, जो 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था।

कर्नाटक में वाल्मीकि विकास निगम घोटाले में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निर्धारित लगभग 94 करोड़ रुपये का दुरुपयोग शामिल है, जिसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के खातों से धन अवैध रूप से फर्जी संस्थाओं को हस्तांतरित किया गया था।

इसमें पूर्व मंत्री नागेंद्र सहित शीर्ष अधिकारियों को फर्जी खाते बनाने और व्यक्तिगत लाभ और चुनावों के लिए धन का उपयोग करने के लिए अभ्यारोपित किया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बिल्कुल कोई विकास नहीं है और कर्नाटक में भ्रष्टाचार उच्चतम स्तर पर है। शून्य प्रगति और शून्य विकास है।’’

विजयेंद्र ने राज्य सरकार पर ‘‘अपनी विफलताओं को छिपाने’’ के लिए केंद्र पर बार-बार आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह दावा करती है कि केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ अन्याय कर रही है।

बेलगावी में हाल में संपन्न विधानसभा सत्र में विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित कर्नाटक नफरती भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धरमैया सरकार आलोचना को दबाने की कोशिश कर रही है और इस कदम की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल से की।

उन्होंने कहा, ‘‘यह घृणा भाषण विधेयक क्यों? क्योंकि सिद्धरमैया सरकार सच्चाई का सामना करने में असमर्थ है। वे आपातकाल लाने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ष 1975 में क्या हुआ था जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था? सिद्धरमैया सरकार ने भी यही नीति अपनायी है। वे मीडियाकर्मियों पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं, वे सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को भी रोकने की कोशिश कर रहे हैं… वे कोई आलोचना नहीं चाहते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हम (भाजपा) इस कांग्रेस सरकार को, कांग्रेस सरकार की विफलताओं को, कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने जा रहे हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है।’’

विजयेंद्र के अनुसार, राज्य सरकार की ‘‘निवेशक-विरोधी नीतियों’’ के कारण निवेशक कर्नाटक से दूर जा रहे हैं।

कर्नाटक में निवेश करने वाले एथर इलेक्ट्रिक स्कूटर, गूगल और एयरोस्पेस क्षेत्र की कंपनियां अब राज्य सरकार की ‘‘निवेशक विरोधी नीति’’ के कारण दूर जा रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘रोजगार के इस नुकसान से युवा प्रभावित हो रहे हैं। इसके बावजूद, कोई भी राज्य सरकार से सवाल न पूछे। क्या यह लोकतंत्र है? इसलिए, हम राज्य सरकार से सवाल कर रहे हैं और हम इस कांग्रेस सरकार और उसकी विफलताओं को भी उजागर करना चाहते हैं।’

भाषा अमित सुरेश

सुरेश


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