‘वीबी – जी राम जी’ अधिनियम में भ्रष्टाचार-रोधी कोई नए उपाय नहीं : लिबटेक इंडिया
‘वीबी - जी राम जी’ अधिनियम में भ्रष्टाचार-रोधी कोई नए उपाय नहीं : लिबटेक इंडिया
नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) ‘लिबटेक इंडिया’ ने शनिवार को दावा किया कि ‘विकसित भारत -जी राम जी’ अधिनियम में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कोई नए प्रावधान नहीं हैं और इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी वेतन या जवाबदेही तय करने का एकमात्र जरिया नहीं होनी चाहिए।
यहां एक बयान में, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं के समूह ने कहा कि भ्रष्टाचार को कम करने के लिए मनरेगा को निरस्त करने के दावे के बावजूद, नए कानून में भ्रष्टाचार-रोधी प्रावधानों का अभाव है।
‘लिबटेक इंडिया’ ने कहा कि मनरेगा में सामाजिक लेखापरीक्षा और सार्वजनिक सुनवाई जैसे ‘‘अंतर्निहित प्रावधान’’ थे, जिन्हें ‘‘अक्सर कम वित्त पोषित और कमजोर’’ किया जाता था।
समूह ने कहा कि वह पिछले 15 वर्षों से मनरेगा के कार्यान्वयन में गहन रूप से शामिल रहा है, जिसमें बड़े सार्वजनिक कल्याण कार्यक्रमों में प्रौद्योगिकी, डेटा प्रणाली और जवाबदेही की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उसने कहा कि समय के साथ, कार्यान्वयन प्रक्रियाएं डिजिटल कार्यपद्धति और तंत्र अनुपालन पर अत्यधिक निर्भर हो गईं, इस हद तक कि प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में दर्ज न होने वाली गतिविधियों को अक्सर ऐसा माना जाता था जैसे वे हुई ही न हों, जिससे अधिकारों का हनन, शिकायतों के निवारण में देरी जैसी स्थितियां उत्पन्न हुईं।
भाषा
शफीक माधव
माधव

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