No Petrol Without Insurance: बिना इंश्योरेंस अब नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, परिवहन मंत्रालय तक पहुंची फाइल, कड़े नियम लागू करने की तैयारी
No Petrol Without Insurance: बिना इंश्योस अब नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, परिवहन मंत्रालय तक पहुंची फाइल, कड़े नियम लागू करने की तैयारी
No Petrol Without Insurance: बिना इंश्योस अब नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल / Image Source: Symbolic
- बिना थर्ड पार्टी बीमा के अब पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा
- मोटर वाहन अधिनियम-1988 के तहत सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य है
- भारत में आधे से ज्यादा वाहन बिना बीमा के चल रहे हैं
नई दिल्ली: No Petrol Without Insurance अगर आप वाहन चालक हैं तो ये बखूबी जानते होंगे कि गाड़ी का बीमा कितना जरूरी है। लेकिन अब से सिर्फ आपकी और वाहन की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि पेट्रोल भरवाने के लिए भी बेहद जरूरी होने वाला है। जी हां केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही ये नियम लागू करने वाली है। यानि अब बिना थर्ड पार्टी बीमा के पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं बिना हेलमेट वालों को भी अब पेट्रोल नहीं मिलेगा।
No Petrol Without Insurance मिली जानकारी के अनुसार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को बढ़ावाा देने के लिए वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से सिफारिश की है कि थर्ड-पार्टी बीमा के बिना कोई वाहन सड़क पर न चले। वित्त मंत्रालय के प्रस्तावों में यह भी शामिल है कि केवल उन वाहनों को ईंधन और फास्टैग दिया जाए, जिनके पास वैध थर्ड-पार्टी बीमा हो।
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय इन प्रस्तावों पर काम कर रहा है और जल्द ही नियमों में बदलाव किया जा सकता है। इसके तहत वाहन संबंधी सेवाओं को बीमा कवर से जोड़ा जाएगा। इसके तहत पेट्रोल पंपों और अन्य सेवाओं को इस तरह से जोड़ा जाए कि केवल वैध बीमा वाले वाहनों को ही सेवाएं दी जाएं। इसके साथ ही राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे।
वाहनों में क्या जरूरी है थर्ड पार्टी बीमा
मोटर वाहन अधिनियम-1988 के तहत सभी वाहनों के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है, जो कम से कम तीन महीने का होना चाहिए। यह बीमा दुर्घटना में किसी तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई के लिए होता है। अनिवार्य होने के बावजूद भारतीय सड़कों पर आधे से अधिक वाहन बिना बीमा के चल रहे हैं।
वाहन चालक नहीं करवाते इंश्योरेंस
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में भारत में लगभग 34 करोड़ पंजीकृत वाहन थे, लेकिन इनमें से केवल 43-50% के पास ही वैध थर्ड-पार्टी बीमा था। वर्ष 2024 में संसद की एक समिति ने इस मुद्दे पर विचार किया और इसे लागू करने की सिफारिश की। मार्च 2020 तक लगभग 6 करोड़ वाहन बिना बीमा के पाए गए थे।

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