‘पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी पर प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता’: अदालत में बोली तमिलनाडु सरकार

‘पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी पर प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता': अदालत में बोली तमिलनाडु सरकार

‘पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी पर प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता’: अदालत में बोली तमिलनाडु सरकार
Modified Date: December 16, 2025 / 07:52 pm IST
Published Date: December 16, 2025 7:52 pm IST

चेन्नई, 16 दिसंबर (भाषा) अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी को क्लीन चिट देते हुए, तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में 11 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।

मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी अरुल मुरुगन की पीठ के समक्ष इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जनरल पी एस रमन ने यह बात कही।

रमन ने बताया कि सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी निदेशालय ने विस्तृत जांच की और पाया कि भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में पलानीस्वामी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है।

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उन्होंने बताया कि सतर्कता आयुक्त को एक रिपोर्ट सौंपी गई, जिन्होंने इसे राज्य सरकार को भेज दिया। राज्य सरकार ने रिपोर्ट स्वीकार कर ली और पलानीस्वामी के खिलाफ सुनवाई रोक दी।

पीठ ने मामले की सुनवाई क्रिसमस की छुट्टियों के बाद के लिए स्थगित कर दी। ऐसा याचिकाकर्ता के वकील को न्यायिक समीक्षा के दायरे के संबंध में अपनी दलीलें पेश करने का मौका देने के लिए किया गया है।

अपनी याचिका में एन राजशेखरन ने कहा कि पलानीस्वामी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सरकार ने राज्य के 11 जिलों में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया था।

परियोजना की कुल लागत का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य निर्धारित प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन करते हुए किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर गबन और भ्रष्टाचार हुआ, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत अपराध के दायरे में आता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने एक याचिका दायर की और जब उस पर सुनवाई हुई, तो सरकार ने अदालत को सूचित किया कि प्रारंभिक जांच के बाद विस्तृत जांच की जा रही है।

भाषा देवेंद्र दिलीप

दिलीप


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