विद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देना धर्मनिरपेक्ष शिक्षा से वंचित करना है: केरल सरकार

विद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देना धर्मनिरपेक्ष शिक्षा से वंचित करना है: केरल सरकार

विद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देना धर्मनिरपेक्ष शिक्षा से वंचित करना है: केरल सरकार
Modified Date: October 24, 2025 / 10:38 pm IST
Published Date: October 24, 2025 10:38 pm IST

कोच्चि, 24 अक्टूबर (भाषा) केरल सरकार ने शुक्रवार को यहां उच्च न्यायालय में कहा कि एक मुस्लिम लड़की को स्कूल में हिजाब पहनने की इजाजत न देना उसकी निजता और गरिमा पर हमला है तथा उसे ‘धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के उसके अधिकार से इनकार’ करना है।

सरकार ने कहा कि लड़की का अपने घर में और घर के बाहर हिजाब पहनने का अधिकार,‘विद्यालय के द्वार पर खत्म नहीं हो जाता है।’

ये बातें एक हलफनामे में कही गई हैं, जो यहां पल्लुरुथी में चर्च संचालित ‘सेंट रीटा पब्लिक स्कूल’ की एक याचिका के जवाब में दायर किया गया था।

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इस याचिका में सामान्य शिक्षा विभाग के उस निर्देश को चुनौती दी गई थी जिसमें मुस्लिम लड़की को ‘हिजाब’ पहनकर कक्षा में जाने की इजाज़त दी गई थी।

विद्यालय ने विभाग के नोटिस को भी चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि शिक्षण संस्थान में ‘गंभीर गड़बड़ी’ है।

जब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई हुई, तो लड़की की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि उसके माता-पिता ने उसे इस स्कूल से हटाकर किसी दूसरे शिक्षण संस्थान में प्रवेश दिलाने का फैसला किया है।

छात्रा के माता-पिता की ओर से दी गई दलील को देखते हुए, अदालत ने कहा कि विवादित मुद्दों पर जाने की जरूरत नहीं है।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के वकील की इस बात पर भी ध्यान दिया कि बच्चे के माता-पिता के रुख को देखते हुए, विभाग इस मामले में आगे बढ़ना नहीं चाहता है।

न्यायमूर्ति वी जी अरुण ने कहा, ‘‘यह अदालत यह देखकर खुश है कि अच्छी समझदारी दिखाई गई है और ‘भाईचारा’, जो हमारे महान संविधान की नींव के मुख्य सिद्धांतों में से एक है, मजबूत बना हुआ है।

उच्च न्यायालय ने रिट याचिका का निपटारा कर दिया।

भाषा राजकुमार संतोष

संतोष


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