केरल विधानसभा की कार्यवाही छह जुलाई को स्थगित किये जाने में कुछ भी असमान्य नहीं : स्पीकर

केरल विधानसभा की कार्यवाही छह जुलाई को स्थगित किये जाने में कुछ भी असमान्य नहीं : स्पीकर

केरल विधानसभा की कार्यवाही छह जुलाई को स्थगित किये जाने में कुछ भी असमान्य नहीं : स्पीकर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: July 7, 2022 6:40 pm IST

तिरूवनंतपुरम, सात जुलाई (भाषा) केरल विधानसभा के अध्यक्ष एम बी राजेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान के खिलाफ माकपा विधायक साजी चेरियन की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर सदन में हुए हंगामे के चलते एक दिन पहले विधानसभा की कार्यवाही स्थगित किये जाने के तरीके में कुछ भी असमान्य नहीं है।

विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली कि सदन के अंदर और बाहर से मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया था कि बुधवार को प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही नहीं कराने तथा बगैर किसी चर्चा के वित्तीय कामकाज संपन्न करना अभूतपूर्व है।

बुधवार सुबह सत्र शुरू होने पर जो कुछ हुआ उसका विवरण देते हुए स्पीकर ने कहा कि विपक्ष के आठ सदस्यों के नाम उन्होंने सवाल पूछने के लिए पुकारे लेकिन उन लोगों ने ऐसा नहीं किया और इसके बजाय तख्तियां दिखाईं तथा नारेबाजी की।

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उन्होंने कहा कि नौवें विधायक, जिनका नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा गया, वह सत्तापक्ष से थे लेकिन उनका सवाल सदन के दोनों पक्षों (सत्ता पक्ष और विपक्ष) के सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गया।

स्पीकर ने कहा कि सदन में दोनों पक्षों के शोरगुल करने के मद्देनजर यह स्पष्ट था कि प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ाना संभव नहीं होगा क्योंकि जब मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन एक सवाल का जवाब देने के लिए खड़े हुए तब सवाल करने वाला सदस्य भी जवाब सुनने को तैयार नहीं था।

उन्होंने कहा कि बाद में यह आलोचना की गई कि प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही अभूतपूर्व तरीके से स्थगित कर दी गई और वित्तीय कामकाज बगैर किसी चर्चा के निपटा दिया गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वर्गों की इस तरह की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों के बाद उन्होंने ऐसी परिस्थितियों में अपने पूर्वाधिकारियों द्वारा उठाये गये कदमों पर गौर करने का फैसला किया।

स्पीकर ने 2013 के एक आदेश का जिक्र किया जिसमें तत्कालीन स्पीकर ने ऐसे कई उदाहरण दिये थे, जिनमें विधानसभा की कार्यवाही सदन में सदस्यों द्वारा व्यवधान पैदा किये जाने के चलते स्थगित कर दी गई थी।

स्पीकर एम बी राजेश ने कहा कि 2013 के आदेश में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी के मद्देनजर बुधवार को सदन में जो कुछ हुआ उसके लिए और विवरण देने की जरूरत नहीं है।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान सदन में चेरियन के कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की थी।

भाषा

सुभाष नरेश

नरेश


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